दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने लोकमत पार्लियामेंट्री अवार्ड 2022 के चौथे संस्करण के पुरस्कार वितरण समारोह से पूर्व आयोजित परिचर्चा में कश्मीर समस्या को लेकर केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि 90 के दशक में जमकर मुस्लिम तुष्टिकरण को बढ़ावा दिया गया और उसी का कारण है आज तक कश्मीर आतंक की आगोश में समाया हुआ है।
उन्होंने आतंक की भेंट चढ़ गये चरार-ए-शरीफ का जिक्र करते हुए कहा कि आखिर वो कौन लोग थे, जिन्होंने बडगाम में पवित्र चरार-ए-शरीफ को आग के हवाले किया। वो आग लगाने वाले पड़ोस के देश से आये मुस्लिम आतंकी थे। उस जगह की पवित्रता को किसी अन्य धर्म के लोगों ने भंग नहीं किया था।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जहां पर हिंदू सभ्यता और संस्कृति है, वहां पर सारे धर्म भी समान रूप से फल-फूल रहे हैं। आखिर किन लोगों ने कुफ्र कहकर चरार-ए-शरीफ को जलाया, किसने हजरत बल को नुकसान पहुंचाया है। वो एक बाबरी की बात करते हैं। उन्हें सोचना चाहिए आखिर कश्मीर में सूफी परंपरा को किसने खत्म किया। उस महान परंपरा पर हमला करने वाले कौन थे। कभी वो उनकी भी बात करें, लेकिन नहीं वो उनकी बात नहीं करेंगे। आज सारा देश इस बात की मांग कर रहा है कि सभी धर्मों को समान आजादी हो। किसी एक को किसी विशेष मुद्दे पर छूट नहीं मिले।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, देश में गंगा-जमुनी तहजीब आज पूरा रवानी में है, कुछ लोगों को देश का विकास, लोगों की तरक्की पसंद नहीं आ रही है। इसलिए वो 90 के दशक से लेकर आज तक केवल बाबरी का नाम जप रहे हैं। हमारे लिए सभी समान हैं और किसी के प्रति कोई भेदभाव नहीं हैं।
वहीं इस परिचर्चा के बाद लोकमत संसदीय पुरस्कार (Lokmat Parliamentary Awards) समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कार्यक्रम के अध्यक्षीय भाषण में सभी पुरस्कृत सांसदों को बधाई दी। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, सभी पुरस्कृत सांसदों ने अपने ज्ञान एवं विवेक द्वारा संसदीय गरिमा को समृद्ध किया है और अन्य सांसदों के सामने अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है।
पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि मुझे यह जानकर खुशी हुई कि लोकमत समूह संसदीय पुरस्कार के साथ ही देश के सर्वश्रेष्ठ सरपंच को भी पुरस्कार देता है। श्री कोविंद ने कहा कि देश के अन्य मीडिया समूह को भी सांसदों, विधायकों और ग्रामपंचायतों के पदाधिकारियों को सम्मानित करने इस तरह की परम्परा को अपनाना चाहिए। देश की जनता, खासकर गरीब जनता जन प्रतिनिधियों से बहुत आस लगाए रखते हैं। देश की जनता अपेक्षा करती है कि उनके प्रतिनिधि उनके जीवन को बेहतर बनाएँ। उनकी अपेक्षाओं पर खतरा उतरना ही लोकतंत्र की कसौटी है।
वास्तव में ग्रामसभा, विधानसभा और संसद के निर्वाचित प्रतिनिधियों की एक प्राथमिकता होनी चाहिए, देश हित और राष्ट्रहित में कार्य करना। सभी पुरुस्कृत सांसदों के उत्कृष्ट योगदान के पीछे यही भावना रही होगी।
कार्यक्रम में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, लोकमत समूह के चेयरमैन विजय दर्डा और लोकमत समूह के प्रधान सम्पादक राजेंद्र दर्डा मंच पर मौजूद थे।