Lokmat Parliamentary Awards 2019: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को दिया गया लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 10, 2019 19:42 IST2019-12-10T19:42:24+5:302019-12-10T19:42:24+5:30
लोकमत मीडिया कंपनी/ ग्रुप हर साल एक पार्लियामेंट्री अवॉर्ड समारोह का आयोजन करवाता है। जिसका आयोजन पिछले कई सालों से किया जा रहा है। इस समारोह में लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों को राज्यसभा और लोकसभा में अपना अनुकरणीय योगदान देने के लिए सम्मानित किया जाता है।

फाइल फोटो
लोकमत पार्लियामेंट्री अवार्ड्स-2019 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लाइफ टाइम एचीवमेंट अवॉर्ड (राज्यसभा) दिया गया। यह लोकमत संसदीय पुरस्कार का तीसरा समारोह है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू हैं। विशिष्ट अतिथिगण गजेंद्र सिंह शेखावत (केंद्रीय जल शक्ति मंत्री), कांग्रेस नेता और लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा सांसद और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, सुभाष सी. कश्यप (पूर्व महासचिव, लोकसभा) हैं। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर, एआईएमआईएम चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी और रेल मंत्री पीयूष गोयल स्पीकर हैं।
भारत के 14वें प्रधानमंत्री, डॉ. मनमोहन सिंह एक विचारक और विद्वान माने जाते हैं। मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गांव 'गाह' में हुआ था। अपने शैक्षिक करियर के लिए वे पंजाब से यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज, ब्रिटेन गए, जहां उन्होंने 1957 में अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी के साथ ऑनर्स डिग्री प्राप्त किया। इसके बाद डॉ. सिंह ने 1962 में ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के नफील्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी. फिल की।
डॉ. सिंह की शैक्षिक उपलब्धियां उस दौरान बढ़ीं जब वे पंजाब विश्वविद्यालय और प्रतिष्ठित दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स के फैकल्टी में रहे। इसी दौरान इन्होंने यूएनसीटीएडी सेक्रेटेरिएट में भी कुछ समय के लिए काम किया। उन्हें 1987 और 1990 के बीच जिनीवा में साउथ कमिशन के महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया।
डॉ. सिंह 1971 में उस समय भारत सरकार में आए जब उन्हें वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया। इसके बाद इन्हें 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया। डॉ. सिंह ने अनेक सरकारी पदों पर कार्य किया है - जिनमें वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधान मंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के पद शामिल हैं।आर्थिक सुधारों की व्यापक नीति को आगे बढ़ाने में मनमोहन सिंह की भूमिका की दुनियाभर में सराहना की जाती है।
अपने राजनीतिक करियर में, डॉ. मनमोहन सिंह 1991 से भारतीय संसद के उच्च सदन (राज्य सभा) के सदस्य रहे हैं। वहां वे 1998 और 2004 के बीच विपक्ष के नेता रहे। डॉ. मनमोहन सिंह ने 2004 के आम चुनावों के बाद 22 मई को प्रधान मंत्री पद की शपथ ली तथा 22 मई 2009 को दूसरे कार्यकाल के लिए पद की शपथ ली थी।
लोकमत मीडिया कंपनी/ ग्रुप हर साल एक पार्लियामेंट्री अवार्ड समारोह का आयोजन करवाता है। जिसका आयोजन पिछले कई सालों से किया जा रहा है। इस समारोह में लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों को राज्यसभा और लोकसभा में अपना अनुकरणीय योगदान देने के लिए सम्मानित किया जाता है। ये समारोह लोकसभा और राज्यसभा के श्रेष्ठ मेंबर्स को सम्मानित करने की एक पहल की है जो उनके इस बेहतरीन योगदान के लिए एक सराहना का प्रयास है। लोकमत पार्लियामेंट्री अवार्ड में चार लोकसभा और चार राज्यसभा के सदस्यों को सम्मानित किया जाता है।