कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व वित्त मंत्री ने पी. चिदंबरम ने गुरुवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की तरफ बढ़ने वाले युवाओं की संख्य बढ़ी है और इसका एक बड़ा कारण सुरक्षा बलों की ओर से उठाये गये कुछ तरीके हैं। चिदंबरम ने दिल्ली में आयोजित Lokmat Parliamentary Awards 2018 कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए कहा कि सरकार का काम कश्मीर में जनता से संवाद कायम करना है।
चिंदबरम ने वरिष्ठ महिला पत्रकार बरखा दत्त के साथ सवाल-जवाब के एक सत्र में घाटी के मसले पर कहा, 'कश्मीर में केवल सैन्य ताकत वाला नजरिया काम नहीं करेगा। यह मैं पहले दिन से देख रहा हूं। कश्मीर में अभी केवल आर्मी और पुलिस सभी फैसले ले रही है।'
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद घाटी में आतंकवाद की कमी के दावे को लेकर भी चिदंबरम ने सवाल उठाये। चिदंबरम ने कहा, 'वो बड़े-बड़े दावा करते हैं कि उन्होंने आतंकवाद को कम किया है लेकिन नवंबर में ही बड़ी संख्या में घाटी के नौजवानों ने आतंकवाद की राह पकड़ी है।'
घाटी में अफ्सपा कानून को लेकर जारी लगातार बहस के बीच चिदंबरम ने ये भी कहा कि अगर जरूरत पड़े को इस कानून के कुछ प्रावधानों को बदला जा सकता है।
चिदंबरम ने साथ ही देश में मौजूद राजनीतिक स्थिति के बारे में बात करते हुए कहा कि जिस राज्य में जो पार्टी मजबूत होगी, वही वहां लीड करेगी। जैसे बिहार में राष्ट्रीय जनता दल लीड करेगी, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी लीड करेगी।
हाल के विधानसभा चुनाव में तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत पर चिदंबरम ने कहा, 'तेलंगाना के परिणामों का लोकसभा चुनावों में कोई असर नहीं होगा। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है कि कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी को उसके घर में घुस कर हराया।'