Lokmat Media Conclave: मीडिया को लेकर बनी धारणा गंभीर सवाल पैदा कर रहे हैं, विजय दर्डा ने कहा- वैचारिक ध्रुवीकरण के साथ क्षेत्रीय ध्रुवीकरण बढ़ता जा रहा है

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 2, 2023 16:41 IST2023-04-02T16:32:05+5:302023-04-02T16:41:44+5:30

महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित  'लोकमत नेशनल मीडिया कॉन्क्लेव' के अध्यक्षयी संबोधन में लोकमत मीडिया ग्रुप के एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन एवं पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. विजय दर्डा ने मीडिया के मौजूदा रूप के कई पक्षों पर अपनी राय रखी।

Lokmat Media Conclave Perceptions made about media are raising serious questions Vijay Darda | Lokmat Media Conclave: मीडिया को लेकर बनी धारणा गंभीर सवाल पैदा कर रहे हैं, विजय दर्डा ने कहा- वैचारिक ध्रुवीकरण के साथ क्षेत्रीय ध्रुवीकरण बढ़ता जा रहा है

Lokmat Media Conclave: मीडिया को लेकर बनी धारणा गंभीर सवाल पैदा कर रहे हैं, विजय दर्डा ने कहा- वैचारिक ध्रुवीकरण के साथ क्षेत्रीय ध्रुवीकरण बढ़ता जा रहा है

Highlightsनागपुर में 'लोकमत नेशनल मीडिया कॉन्क्लेव' का आयोजन किया गया है।विषय हैः 'क्या भारतीय मीडिया का पूरी तरह धुव्रीकरण हो गया है?"

नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित  'लोकमत नेशनल मीडिया कॉन्क्लेव' के अध्यक्षयी संबोधन में लोकमत मीडिया ग्रुप के एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन एवं पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. विजय दर्डा ने मीडिया के मौजूदा रूप के कई पक्षों पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि मतभिन्नता और पक्षपात में फर्क होना चाहिए। पत्रकारिता के बीच में सूक्ष्म लकीर होती है। जिसे लक्ष्मण रेखा कहते हैं। अगर लक्ष्मण रेखा को लांघ लेते हैं तो महाभारत में क्या हुआ, वो सभी ने देखा है।

विजय दर्डा ने कहा कि उम्मीद की जाती है कि वही लक्ष्मण रेखा हमारे आसपास होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि तारीफ की जगह तारीफ और आलोचना की जगह आलोचना होनी चाहिए। लेकिन जब लकीर से मीडिया दूरी बनाने लगे तो मीडिया पर सवाल उठने स्वाभाविक है। डिबेट का मामला तो बेहद गंभीर है।

पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. विजय दर्डा ने कहा कि टीबी पर डिबेट की शुरुआत का लक्ष्य जो विशेषज्ञ हैं उनको बुलाया जाए, और पाठक या दर्शक विषय को समझ लें। आज विशेषज्ञ के नाम पर एक ही आदमी को बार बार खड़ा कर दिया जाता है। जब ऐसा होता है तो गंभीर सवाल खड़े होते हैं। सवाल हम ही खड़े करते हैं और जवाब हमीं देते हैां।

डॉ. विजय दर्डा ने कहा कि हम कैसे भूल सकते हैं कि हम चौथा स्तंभ हैं। हमारी जिम्मेदारी बहुत बड़ी है। इसलिए वैचारिक ध्रुवीकरण के साथ क्षेत्रीय ध्रुवीकरण बढ़ता जा रहा है। गंभीर मामले को लेकर मीडिया का सम्मिलित शोर होना चाहिए, मीडिया उससे दूर होता जा रहा है। या कहें कि मीडिया उससे दूर हो गया है। मीडिया को लेकर बनी धारणा गंभीर सवाल पैदा कर रहे हैं।

उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि  मेरी निजी राय ये है कि पूरा मीडिया ऐसा नहीं है। अभी भी बहुत से चैनल, पत्रकार निष्पक्ष रूप से अपना काम कर रहे हैं। इसको इसको सम्मानित कर रहे हैं। हम जानते हैं अखबार का काम केवल सूचना देना नहीं है। उससे भी आगे जाकर आंकड़े विकसित करना है। लोकमत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मीडिया का काम वंचितों, शोषितों, पीड़ितों और गरीबों के हितों में होना चाहिए। 

गौरतलब है कि वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी एवं लोकमत के संस्थापक संपादक जवाहरलाल दर्डा की जन्मशताब्दी एवं लोकमत नागपुर संस्करण के स्वर्ण महोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य में रविवार, 2 अप्रैल को 'क्या भारतीय मीडिया का पूरी तरह धुव्रीकरण हो गया है?" विषय पर रामदासपेठ स्थित होटल सेंटर प्वाइंट में  'लोकमत नेशनल मीडिया कॉन्क्लेव' का आयोजन किया गया है। इस आयोजन में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद हैं।

Web Title: Lokmat Media Conclave Perceptions made about media are raising serious questions Vijay Darda

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