लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल गांधी के आरोपों पर कहा, "भारत की संसद में सभी सांसदों को बोलने का अबाध अधिकार है"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 13, 2023 07:14 AM2023-03-13T07:14:29+5:302023-03-13T07:37:49+5:30
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बहरीन के मनामा में अंतर-संसदीय संघ की 146वीं सभा में स्पष्ट किया है कि भारत की संसद में सभी सांसदों को अपने विचार व्यक्त करने का अबाध अधिकार प्राप्त हैं।
मनामा: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कांग्रेस नेता और केरल से लोकसभा के सांसद राहुल गांधी के उन आरोपों पर पलटवार किया है, जिसमें राहुल गांधी ने मौजूदा भारतीय संसदीय व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए आरोप लगाया था कि विपक्षी दलों के सांसदों को संसद में बोलने में व्यवधान पैदा किया जाता है और उनके माइक को बंद कर दिया जाता है।
दिलचस्प बात यह है कि राहुल गांधी ने यह गंभीर आरोप विदेशी धरती यानी लंदन में लगाया था और अब लोकसभा प्रमुख ओम बिरला ने राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार करने के लिए विदेशी धरती को ही चुना है। इससे पहले इस मुद्दे पर केंद्र की सत्ता में अगुवाई करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्यक्ष तौर पर और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने अप्रत्यक्ष तौर से देश में ही राहुल गांधी की तीखी आलोचना की थी।
लेकिन बीते रविवार को बहरीन के मनामा में अंतर-संसदीय संघ की 146वीं सभा में सामान्य बहस को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अंतर्राष्ट्रीय मंच से स्पष्ट किया है कि भारत की संसद में सभी सांसदों को अपने विचार व्यक्त करने का अबाध अधिकार प्राप्त हैं। वहीं राहुल गांधी ने कुछ दिनों पहले लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम में इसके ठीक विपरित कहा था कि जब वह सदन में बोलते हैं तो उनका माइक्रोफोन बार-बार बंद कर दिया जाता है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भारतीय संसदीय व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए कहा, “भारत में हमारे पास एक मजबूत भागीदारी वाला लोकतंत्र और जीवंत बहुदलीय संसदीय प्रणाली है, जहां नागरिकों की आशाएं और आकांक्षाएं निर्वाचित सांसदों के माध्यम से संसद के पटल पर अभिव्यक्त की जाती हैं। भारत की संसद में चुने गये सभी लोकसभा सदस्य अपने विचारों को व्यक्त करने की स्वतंत्रता का आनंद लेते हैं।"
ओम बिरला ने बहरीन में 'शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और समावेशी समाज को बढ़ावा देना: असहिष्णुता के खिलाफ लड़ाई' विषय पर बोलते हुए कहा कि भारत की लोकतंत्रिक और संसदीय परंपरा का दीर्घकालिक दृष्टिकोण है कि सभी वैश्विक मुद्दों को बातचीत के माध्यम से शांतिपूर्वक हल किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि भारत में संसद ने "समकालीन वैश्विक चुनौतियों जैसे जलवायु परिवर्तन, लैंगिक समानता, सतत विकास और विकास के विषय पर हमेशा व्यापक और सार्थक बहस और कोविड-19 महामारी पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया है।"
मालूम हो कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा राहुल गांधी के आरोपों पर दी गई प्रतिक्रिया से पहले राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कांग्रस सांसद राहुल गांधी की जमकर आलोचना की थी और एक पुस्तक विमोचन पर कहा था, "अगर कोई कहता है कि भारतीय संसद में माइक बंद कर दिए जाते हैं, तो यह देश का अपमान है।" हालांकि जगदीप धनखड़उन्होंने गांधी का नाम सीधे तौर पर नाम नहीं लिया था।
भारत की संसदीय प्रणाली पर यह पूरी बहस तब सामने आयी, जब पिछले हफ्ते राहुल गांधी ने ब्रिटिश सांसदों से कहा कि वह जब कई बार लोकसभा में कई गंभीर विषयों पर बोलना चाहते थे, अपना माइक्रोफोन चालू नहीं कर सके क्योंकि उनका माइक्रोफोन बंद कर दिया गया था ताकि संसद में विपक्षी आवाजों को दबाया जा सके।