नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के मतदान से पूर्व भाजपा के स्टार प्रचारकों में शामिल असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बीते बुधवार को पार्टी के चुनावी प्रदर्शन, नीतियों और मुद्दों पर बात करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर की 25 सीटों में से कम से कम 21-22 भाजपा के खाते में आ रही हैं।
उन्होंने कहा कि समान नागरिकता संहिता (संशोधन) अधिनियम के पारित होने का सबसे अधिक प्रभाव असम में देखा गया। उन्होंने कहा कि 2021 में मेरे मुख्यमंत्री बनने बाद डर को दूर करने के लिए हमने औपचारिक और अनौपचारिक कार्यक्रम आयोजित किए।
समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस को दिये इंटरव्यू में हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "गृह मंत्री अमित शाह ने मुझे निजी तौर पर सूचित किया था कि सीएए एक वास्तविकता है और देर-सबेर इसे अधिसूचित किया जाएगा, जिससे मुझे जमीन तैयार करने का समय मिलेगा। हमने एक बड़े वर्ग को आश्वस्त किया कि सीएए असम की जनसांख्यिकी को नहीं बदलेगा। मुझे यह स्वीकार करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि अभी भी असम में ऐसे लोग हैं, जो सीएए को स्वीकार नहीं करते हैं, लेकिन वे असम में विकास की सराहना करते हैं और नहीं चाहते कि पिछली बार की तरह किसी आंदोलन से इस पर असर पड़े। इसलिए उनके बीच कानूनी उपाय तलाशने पर व्यापक सहमति थी। यह वह सहमति है जो हमने पिछले दो वर्षों में बनाई है।"
असम के सीएम ने अवैध अप्रवासियों के हिरासत शिविरों में रखे जाने के सवाल पर कहा, "असम में किसी भी कैंप में कोई बंगाली हिंदू नहीं है। हाईकोर्ट का आदेश है कि किसी को भी किसी कैंप में दो साल से ज्यादा हिरासत में नहीं रखा जा सकता। इसलिए अगर हमने किसी को शिविर में रखा है और बांग्लादेश उन्हें स्वीकार नहीं करता है, तो हमें उन्हें रिहा करना होगा। उनके नाम मतदाता सूची में नहीं होंगे, लेकिन वे स्वतंत्र हैं। शिविरों में लोगों की संख्या नगण्य है, शायद 70 या 80 हों।"
हिमंत बिस्वा सरमा ने खुद को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ भाजपा के भावी नेताओं में से एक के रूप में शामिल किये जाने पर कहा, "योगी आदित्यनाथ एक बड़े राज्य के मुख्यमंत्री हैं, इसलिए उनसे मेरी तुलना पूरी तरह से अनुचित है। मेरे राज्य में केवल 14 लोकसभा सीटें हैं, जबकि यूपी में 80 सीटें हैं। मैं अपनी सीमाएं जानता हूं और मैं असम में खुश हूं। मेरे जैसे लोगों को 55 साल की उम्र में राहुल गांधी जैसा व्यवहार नहीं करना चाहिए। हमें अपनी सीमाएं पता होनी चाहिए।"
असम में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा द्वारा हुई घटनाओं और झगड़ों पर बात करते हुए मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, "उन्होंने असम में अपनी यात्रा के लिए गलत समय चुना। उन्होंने कई बार असम का दौरा किया है और मैं उनकी यात्राओं से भयभीत होने वालों में से नहीं हूं लेकिन यह राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के चरम पर था। ऐसा लग रहा था जैसे वो राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा और असम के राम भक्तों को चुनौती देना चाहते थे। अगली बार जब वह आएंगे तो ऐसी स्थिति नहीं होगी।"
लेकिन जब हिमंत सरमा से यह पूछा गया कि आपने तो उस समय कहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद आप उन्हें गिरफ्तार कराएंगे। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, "मैंने कहा कि मैं उसे एक अलग कारण से गिरफ्तार करवाऊंगा। यदि उन्होंने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कानून का उल्लंघन किया होगा तो उन्हें असम पुलिस बुलाएगी। अगर उन्हें मामले में जमानत मिल जाती है, तो यह अलग है।"
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "जब तक राहुल गांधी कांग्रेस का चेहरा बने रहेंगे, उन्हें निशाना बनाया जाएगा। हर कांग्रेसी मोदी पर हमला क्यों करता है? जिस क्षण राहुल गांधी कांग्रेस में पीछे चले जाएंगे और कोई दूसरा चेहरा सामने आएगा, हम उसकी आलोचना करेंगे। राहुल गांधी के साथ मेरी लड़ाई व्यक्तिगत नहीं है। असम में कांग्रेस मेरी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी है, इसलिए मुझे उनसे राजनीतिक रूप से लड़ना होता है।"
उन्होंने कहा, "राहुल गांधी अपने कुछ बयानों के कारण विवाद का केंद्र बन जाते हैं। उन्होंने एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी से मुसलमानों के प्रति अधिक उदार पार्टी और एक ऐसी पार्टी की ओर झुकाव दिखाया है, जो हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान नहीं करती है। तो इस कारण से भी राहुल हमारे लिए राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के साथ-साथ वैचारिक प्रतिद्वंद्वी भी बन गए हैं।"