चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने बीते मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि वह अपने भाषणों के जरिये लोगों के बीच नफरत भड़का रहे हैं। सीएम स्टालिन ने यह टिप्पणी पीएम मोदी के उस बयान के बाद दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ओडिशा में भगवान जगन्नाथ के खजाने की गायब चाबियां तमिलनाडु में चली गईं।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार स्टालिन द्वारा पीएम मोदी की आलोचना किये जाने पर तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेडी ने ओडिशा के लोगों और उसकी संस्कृति का सम्मान किए बिना एक "बाहरी व्यक्ति" वीके पांडियन को बढ़ावा दे रही है।
स्टालिन ने कहा कि पीएम की टिप्पणी का मकसद वोटों की खातिर तमिलों की छवि खराब करना है। डीएमके द्वारा जारी एक बयान में स्टालिन ने कहा, "प्रधानमंत्री को वोटों के लिए तमिलनाडु और तमिलों को बदनाम करना बंद करना चाहिए।"
पीएम मोदी ने बीते सोमवार को ओडिशा में नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजेडी सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि पुरी में भगवान जगन्नाथ का मंदिर भी इस सरकार के हाथों में सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि रत्न भंडार की चाबी तमिलनाडु के पास चली गई है।
स्टालिन ने पीएम मोदी की टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा, "मोदी दोनों राज्यों के लोगों के बीच दुश्मनी की भावना पैदा कर रहे हैं। उनका भाषण ऐसा है जो ओडिशा के लोगों को तमिलनाडु के लोगों के खिलाफ भड़काता है, जिनकी जगन्नाथ के प्रति असीमित भक्ति है?"
डीएंके प्रमुख ने कहा, “यह देश के लिए अच्छा नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जिन्हें चुनाव प्रचार के कोड का उल्लंघन किए बिना अपनी सरकार की नीति, सिद्धांतों, कार्य योजनाओं और उपलब्धियों पर रचनात्मक आलोचना पेश करके अपने अभियानों में एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए। अपने नफरत भरे भाषणों के जरिए राज्यों के लोगों के बीच दुश्मनी भड़का रहे हैं।”
स्टालिन ने यह भी कहा कि लोग मोदी के दोहरेपन को समझेंगे क्योंकि तमिलनाडु में चुनाव प्रचार करते समय वह तमिल भाषा, तमिलों की प्रशंसा करते हैं लेकिन राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों में प्रचार करते समय तमिलों के बारे में बुरा बोलते हैं।
स्टालिन ने कहा, "यह करोड़ों लोगों द्वारा पूजे जाने वाले भगवान जगन्नाथ का अपमान करने के साथ-साथ तमिलनाडु के उन लोगों का अपमान करने और उन्हें ठेस पहुंचाने के समान है, जिनके ओडिशा राज्य के साथ अच्छे संबंध और मित्रता हैं।" “क्या पीएम मोदी तमिलनाडु के लोगों को मंदिर का खजाना चुराने वाले चोर कहकर अपमानित कर सकते हैं...क्या यह तमिलनाडु का अपमान नहीं है। तमिलों के प्रति इतनी नापसंदगी और नफरत क्यों?”