Lok Sabha Elections 2024: भाजपा कर्नाटक में मतदाताओं के बीच चला रही 'माइक नहीं, कुर्सी नहीं' अभियान, पार्टी नेता सड़कों पर वोटरों से करेंगे सीधा संवाद

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 21, 2024 10:16 AM2024-03-21T10:16:57+5:302024-03-21T10:19:13+5:30

भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर कर्नाटक में मतदाताओं से सीधा और जमीनी संवाद स्थापित करने के लिए 'माइक नहीं, कुर्सी नहीं' अभियान चला रही है।

Lok Sabha Elections 2024: BJP is running 'No mic, no chair' campaign among the voters in Karnataka, party leaders will communicate directly with the voters on the streets | Lok Sabha Elections 2024: भाजपा कर्नाटक में मतदाताओं के बीच चला रही 'माइक नहीं, कुर्सी नहीं' अभियान, पार्टी नेता सड़कों पर वोटरों से करेंगे सीधा संवाद

फाइल फोटो

Highlightsभाजपा जनता से सीधा संवाद स्थापित करने के लिए 'माइक नहीं, कुर्सी नहीं' अभियान चला रही है2023 में कर्नाटक की सत्ता से बाहर हो चुकी भाजपा लोकसभा चुनाव के लिए सबकुछ झोंक रही हैपार्टी 'माइक नहीं, कुर्सी नहीं' अभियान से सूक्ष्म स्तर पर मतदाताओं तक पहुंचने बनाने का प्रयास कर रही है

बेंगलुरु: भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर कर्नाटक में मतदाताओं से सीधा और जमीनी संवाद स्थापित करने के लिए 'माइक नहीं, कुर्सी नहीं' अभियान चला रही है।

बीते साल 2023 में कर्नाटक की सत्ता से बाहर हो चुकी भाजपा लोकसभा चुनाव के लिए पहली बार सूक्ष्म स्तर पर मतदाताओं तक पहुंचने बनाने के लिए अपनी नई पहल के तहत पूरे कर्नाटक भर में कई स्थानों पर जनता के छोटे समूहों को लक्ष्य करके पार्टी का प्रचार कर रही है।

समाचार वेबसाइट द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार भाजपा ने पूरे कर्नाटक में मतदाता जागरूतका अभियान के तहत वोटरों के आकर्षित करने के लिए नेताओं और कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर झोंक रही है। इस संबंध में पार्टी ने नेताओं और कार्यकर्ताओं को 'माइक नहीं, कुर्सी नहीं' अभियान चलाने के लिए कहा है।

पार्टी ने इस बैठकों का पहला चरण 5 अप्रैल तक समाप्त करने की योजना बनाई है, जिसमें पार्टी के नेता सड़कों पर और डोर टू डोर जाकर मतदाताओं को पार्टी के पक्ष में वोट करने के लिए कहेंगे।

जानकारी के अनुसार पार्टी के नेता और कार्यकर्ता लगभग 100 लोगों को लक्ष्य करके ऐसी बैठकें सड़क के किनारे, गांव के पेड़ों के नीचे या किसी के आवास पर करेंगे। भाजपा के एक नेता ने कहा, “पार्टी 'माइक नहीं, कुर्सी नहीं' अभियान इसलिए चला रही है क्योंकि बहुत से लोग बड़ी रैलियों में शामिल नहीं होते हैं। अगर हम छोटी-छोटी बैठकें करेंगे तो हम एक-एक करके सभी तक पहुंचने में सक्षम होंगे।

इस संबंध में पार्टी नेताओं ने विभिन्न प्रकोष्ठों के प्रमुखों के साथ बीते बुधवार को एक बैठक की और उसमें इस बात पर चर्चा हुई कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता 'माइक नहीं, कुर्सी नहीं' अभियान का संचालन कैसे करेंगे।

बताया जा रहा है कि पार्टी ने विभिन्न स्तरों पर 'माइक नहीं, कुर्सी नहीं' अभियान को तैयार किया है। भाजपा द्वारा आठ अलग-अलग समूहों में इस बड़े अभियान को चलाने की योजना बना रही है, जिनमें से कालाबुरागी और शिवमोग्गा में हाल ही में 'माइक नहीं, कुर्सी नहीं' अभियान समाप्त हुए हैं।

भाजपा की इस योजना में उन-उन जगहों के वोटरों को फोकस में रखा जा रहा है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और अन्य राष्ट्रीय नेता चुनावी सभा करने वाले हैं।

इसके अलावा राज्य में कांग्रेस को टक्कर देने के लिए बीजेपी और जेडीएस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय समिति भी बनाया जा रहा ताकि दोनों दलों के नेताओं के बीच पैदा हुए किसी भी प्रकार के मतभेद को दूर किया जा सके। इस समन्वय समिति में दोनों पार्टियों के नेता इसका हिस्सा होंगे औऱ ये नेता निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर काम करेंगे।

Web Title: Lok Sabha Elections 2024: BJP is running 'No mic, no chair' campaign among the voters in Karnataka, party leaders will communicate directly with the voters on the streets

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