Lok Sabha Elections 2024: 16 सीटिंग सांसद हैं, इससे कम मंजूर नहीं, बिहार इंडिया गठबंधन में घमासान बढ़ने की संभावना, राजद, कांग्रेस और वामपंथी पार्टियां में रार!

By एस पी सिन्हा | Published: January 5, 2024 05:21 PM2024-01-05T17:21:18+5:302024-01-05T17:22:44+5:30

Lok Sabha Elections 2024: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इंडिया का संयोजक बनाये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस एलायंस के सूत्रधार नीतीश कुमार रहे हैं।

Lok Sabha Elections 2024 bihar jdu rjd congress cpim 16 sitting MPs, nothing less than this is acceptable, possibility conflict India alliance parties | Lok Sabha Elections 2024: 16 सीटिंग सांसद हैं, इससे कम मंजूर नहीं, बिहार इंडिया गठबंधन में घमासान बढ़ने की संभावना, राजद, कांग्रेस और वामपंथी पार्टियां में रार!

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Highlightsसीट शेयरिंग पर जदयू की बात सिर्फ राजद से होगी। जदयू और हमारे नेता को किसी पद की चिंता नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चाहत विपक्ष को एकजुट करने की थी, कर दिया।

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में इंडिया गठबंधन में घमासान बढ़ने की संभावना दिखने लगी है। सीट शेयरिंग को लेकर जदयू ने अपना स्टैंड क्लीयर कर दिया। जल संसाधन मंत्री संजय झा ने शुक्रवार को कहा कि हमारे 16 सीटिंग सांसद हैं, इससे कम सीट मंजूर नहीं बल्कि इससे ज्यादा सीटें चाहिए।

जदयू ने यह भी स्पष्ट किया है कि कांग्रेस और वामपंथी पार्टियां अपनी सीटों को लेकर राजद से बात करें। सीट शेयरिंग पर जदयू की बात सिर्फ राजद से होगी। जदयू के पास जो 16 लोकसभा सीटें हैं, वह तो हमारे दल के पास ही रहेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इंडिया का संयोजक बनाये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस एलायंस के सूत्रधार नीतीश कुमार रहे हैं।

लेकिन उन्होंने कभी भी ऐसी कोई इच्छा जाहिर नहीं की। संयोजक बनाये जाने पर अभी इस बात की कोई जानकारी नहीं है। भाजपा और सुशील मोदी पर बरसते हुए उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन की चिंता ये लोग न करें। जदयू और हमारे नेता को किसी पद की चिंता नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चाहत विपक्ष को एकजुट करने की थी वो उन्होंने कर दिया।

सीट शेयरिंग पर भी जल्द फैसला ले लिया जाएगा। संजय झा ने यह जरूर कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पीएम मैटेरियल हैं। 18 साल का उनका मुख्यमंत्री का शानदार रिकॉर्ड देखेंगे तो उनसे अच्छा रिकॉर्ड किसी का नहीं है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि लेकिन उनकी कोई इच्छा नहीं है कि वह संयोजक बने या पीएम बनें, लेकिन वह पीएम मैटेरियल हैं।

उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग में लगातार देर हो रही है। वहीं राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमें निमंत्रण नहीं मिला है। मुख्यमंत्री को निमंत्रण मिला या नहीं मिला इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। तेजस्वी यादव केबयान कि मंदिर बने या स्कूल और अस्पताल पर कहा कि इस बयान को गलत तरीके से बताया गया है। स्कूल अस्पताल भी बनने चाहिए।

जदयू के द्वारा सीतामढ़ी सीट से देवेश चंद्र ठाकुर को उम्मीदवार बनाए जाने से महागठबंधन के नेता हुए नाराज

इंडिया अलायंस महागठबंधन में सीतामढ़ी लोकसभा सीट को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस बार जदयू और राजद के नेताओं ने मिलकर संभावित जदयू प्रत्याशी विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सीतामढ़ी जिले के महागठबंधन के सभी विधायकों, पूर्व विधायकों एवं पूर्व सांसद ने शुक्रवार को पटना के एक होटल में अहम बैठक की।

बताया जा रहा है कि अगर जल्दी की इस विवाद का निपटारा नहीं किया गया तो महागठबंधन के भीतर इसको लेकर खींचतान आगे बढ़ सकती है। दरअसल, देवेश चंद्र ठाकुर की सीतामढ़ी सीट से दावेदारी के बाद विरोधी गुट सक्रिय हो गया है। पटना के एक बड़े होटल में टिकट की दावेदारी को लेकर बैठक हुई है।

जिसमें जदयू नेता व पूर्व मंत्री रंजू गीता, विधान पार्षद रामेश्वर महतो, पूर्व सांसद अर्जुन राय, पूर्व सांसद रामकुमार शर्मा, पूर्व विधायक अबु दोजाना, सुनील कुशवाहा समेत एक दर्जन से ज्यादा नेता शामिल थे। एकसाथ जुटे इन नेताओं ने तय किया कि सीतामढ़ी सीट से देवेश चंद्र ठाकुर की दावेदारी का हर हाल में विरोध करेंगे।

इन नेताओं ने कहा कि देवेश चंद्र ठाकुर पिछ़ड़ों और अति पिछड़ों का अपमान कर रहे हैं, ऐसे नेता को उम्मीदवार कैसे बनाया जा सकता है? बैठक में मौजूद पूर्व मंत्री रंजू गीता ने कहा कि अभी इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग फाइनल नहीं हुआ है। कौन पार्टी कहां चुनाव लड़ेगी ये तय नहीं हुआ है। पहले सीट फाइनल होगा और तब उम्मीदवार तय होगा।

लेकिन देवेश चंद्र ठाकुर अपने मुंह मियां मिट्ठू बने हुए हैं। वे खुद को उम्मीदवार घोषित कर रहे हैं। रंजू गीता ने कहा कि देवेश चंद्र ठाकुर ने मुझे अंधा और कौआ कहा है। मैं पिछड़े की बेटी हूं तो क्या मुझे कोई कौआ और अंधा कहेगा? पिछ़ड़ों को अपमानित करने वाले नेता को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

वहीं, पूर्व सांसद अर्जुन राय ने कहा कि देवेश चंद्र ठाकुर स्वंयभू उम्मीदवार बन गए हैं। पार्टी या गठबंधन में अभी कहीं उम्मीदवार की चर्चा नहीं है, लेकिन देवेश चंद्र ठाकुर अलग ही दावा कर रहे हैं। वे पिछड़ों को अपमानित कर रहे हैं। ऐसे नेता को पार्टी उम्मीदवार कैसे बना सकती है? बता दें कि सीतामढ़ी लोकसभा सीट से जदयू ने अपना उम्मीदवार लगभग तय कर लिया है।

देवेश चंद्र ठाकुर ने दावा किया है कि उनको राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव की तैयारी करने के लिए कहा है। देवेश ठाकुर ने यह भी कहा कि अगर किसी को इस बात से दिक्कत है तो वो शीर्ष नेतृत्व से पुष्टि कर सकता है। लेकिन, इसके बाद से ही सीतामढ़ी के स्थानीय नेताओं की ओर से विरोध भी किया जा रहा है।

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