लोकसभा चुनाव 2019: 'M-Y' समीकरण के सहारे महागठबंधन की नैया, बिहार में अबतक किसी ब्राह्मण को टिकट नहीं
By एस पी सिन्हा | Published: March 30, 2019 03:47 PM2019-03-30T15:47:48+5:302019-03-30T16:01:34+5:30
2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने अपने कोटे की 27 सीटों में 15 उम्मीदवार इसी समीकरण से उतारे थे. पार्टी ने अगडी जातियों में सबसे अधिक राजपूतों को टिकट दिया था.
बिहार में महागठबंधन की सबसे बडी पार्टी राजद इस बार भी उम्मीदवारों की सूची में 'माय' समीकरण को ही तरजीह दी है. वहीं, महागठबंधन में शामिल सभी दलों के घोषित प्रत्याशियों में अब तक किसी ब्राह्मण को टिकट नहीं दिया गया है. बता दें कि बिहार में करीब छह फीसदी के आसपास ब्राह्मण वोट हैं. वहीं, सवर्ण करीब 18 फीसदी हैं.
महागठबंधन में शामिल सबसे बडे दल राजद ने माय समीकरण (यादव और मुसलमान) के मद्देनजर 18 घोषित सीटों में से आठ सीटों पर यादव और पांच सीटों पर मुसलिम प्रत्याशी खडे किये हैं.
वहीं, तीन सीटों पर राजपूत, दो सीटों पर अनुसूचित और एक सीट पर गंगोता जाति के प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं. वहीं, कांग्रेस ने दो राजपूत, दो अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के साथ एक यादव और एक मुसलिम प्रत्याशी को टिकट दिया है.
हालांकि, अभी राजद ने शिवहर, कांग्रेस ने पटना साहिब और वाल्मीकि नगर, रालोसपा ने पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, उजियारपुर और काराकाट, वीआईपी ने मधुबनी सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है.
अभी तक कांग्रेस पार्टी की सूची के अनुसार जिन आठ उम्मीदवारों के नाम आज आधिकारिक रूप से सार्वजनिक हुए हैं उनमें कांग्रेस में दो मुस्लिम समुदाय से, पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा और पुनिया से उदयसिंह शामिल हैं.
इसके अलावा कांग्रेस पार्टी से अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सासाराम सीट से मीरा कुमार और समस्तीपुर से डॉक्टर अशोक कुमार फिर से उम्मीदवार बनाए गए हैं. कांग्रेस ने सुपौल से डॉक्टर रंजीत रंजन, जो यादव जाति से आती हैं, को एक बार फिर उम्मीदवार बनाया है.
वहीं, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अभी तक घोषित एक मात्र उम्मीदवार भूदेव चौधरी हैं. वे अनुसूचित जाति के लिए रिज़र्व जमुई सीट से लड रहे हैं.
उनके नाम की घोषणा की गई है. उपेंद्र कुशवाहा ने बताया है कि उनको मिली पांच सीटों में से एक पर जहां दलित उम्मीदवार है वहीं तीन कुशवाहा जाति से होंगे. एक सीट पर अगडी जाति का उम्मीदवार होगा.
वहीं मुकेश सानी की वीआईपी पार्टी को तीन सीटें मिली हैं. उन्होंने अभी से घोषणा कर दी है कि उनकी तीनों सीटें अति पिछडा समुदाय के लोगों को ही मिलेंगी.
इस हिसाब से अभी तक घोषित 39 सीटों में से छह पर मुस्लिम समुदाय, आठ पर अगड़ी जाति, 13 पर ओबीसी, छह पर अति पिछडी जाति के उम्मीदवार हैं. बाकी के छह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों से उम्मीदवार होंगे.
यहां बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने अपने कोटे की 27 सीटों में 15 उम्मीदवार इसी समीकरण से उतारे थे. पार्टी ने अगडी जातियों में सबसे अधिक राजपूतों को टिकट दिया था.
पार्टी नेताओं का कहना है कि माय समीकरण की धार कुंद नहीं होगी.2014 में राजद के 27 में से चार उम्मीदवार जीते थे. जिसमें एक मधेपुरा से राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने अपनी अलग राह चुन ली है.
अररिया से तस्लीमउद्दीन जीते थे. उनका निधन हो चुका है. उनकी जगह उनके पुत्र अभी सांसद है. पिछली बार राजद ने नौ यादव और छह मुस्लिम को टिकट दिया था. पार्टी ने तीन अतिपिछडा को टिकट दिया था जिसमें एक जीते थे.
राजद ने 2014 में पांच अगड़ों तीन राजपूत और एक-एक ब्राह्मण व कायस्थ को टिकट दिया था. पर सब हार गये थे.