लोकसभा चुनाव 2019: उपेंद्र कुशवाहा ने अखिलेश सिंह के बेटे को दिया टिकट, कांग्रेस में गतिरोध
By एस पी सिन्हा | Published: April 4, 2019 07:42 PM2019-04-04T19:42:13+5:302019-04-04T19:42:13+5:30
लोकसभा की मोतिहारी सीट कांग्रेस के लिए संकट साबित हो गई है. हालांकि सीट रालोसपा के खाते में गई है, लेकिन टिकट कांग्रेस के सांसद अखिलेश सिंह के बेटे आकाश सिंह को मिल गया है.
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के द्वारा मोतिहारी सीट पर कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह के बेटे आकाश कुमार को टिकट दिये जाने के बाद कांग्रेस के अंदर चल रहा गतिरोध अब सतह पर आ गया है. पिछले कई दिनों से यह कयास लगाया जा रहे था कि कुशवाहा उन्हें ही अपना उम्मीदवार बना सकते हैं. जो अब सामने आ गया है. इस उम्मीदवारी पर सवाल कांग्रेसी ही उठा रहे हैं.
कांग्रेस के पुराने सिपाही रहे नेताओं का कहना है कि सहयोगियों के बीच प्रत्याशी के आदान-प्रदान को कोई नई बात नहीं है. लेकिन अखिलेश प्रसाद सिंह जिनके ऊपर बिहार में कांग्रेस के चुनाव प्रभार का जिम्मा है तो अपने नौसिखिये बेटे को मैदान में उतारने के बाद वे अन्य प्रत्याशियों के प्रचार का ख्याल रखेंगे या उनका पूरा ध्यान अपने बेटे के चुनाव प्रचार पर केंद्रित होगा.
नेताओंका कहना है कि पुराने नेता सिर्फ झंडा ढोने का काम कर रहे हैं और राजद से अभी कुछ साल पहले हीं आये अखिलेश सिंह लाभ लेते जा रहे हैं. कांग्रेस ने न केवल उन्हें राज्यसभा भेजा बल्कि बिहार में चुनाव का संयोजक भी बना दिया.
अब उन्होंने अपने महागठबंधन के ही सहययोगी से अपने बेटे के लिए सीट भी ले लेने में सफता प्राप्त कर ली है. बता दें कि अखिलेश सिंह मोतिहारी सीट से एक बार सांसद बने हैं और एक बार उन्हें हार का भी मुंह देखना पडा है. लेकिन माना जाता है कि केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह के लिए आकाश के मैदान में रहने के बाद इस बार चुनाव जीतना बहुत कठिन नहीं होगा.
वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने कहा है कि महागठबंधन में सीटों को लेकर कांग्रेस के साथ न्याय नहीं हुआ है. वहीं, अखिलेश सिंह के बेटे को सहयोगी दल से टिकट मिलने पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा है कि उन्हें जो कुछ कहना था वह आलाकमान को बता चुके हैं.
रालोसपा से किसे टिकट मिला है, इसपर मैं कुछ नहीं कहना चाहता. लेकिन सदानंद सिंह ने इतना जरुर कहा कि महागठबंधन में टिकट शेयरिंग में कांग्रेस के साथ इंसाफ नहीं हुआ है.
अपनी नाराजगी के बीच बाल्मीकि नगर सीट को लेकर सदानंद सिंह ने कहा है कि उनकी कोशिश होगी पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता या नेता को टिकट दिया जाय. वाल्मीकि नगर सीट के लिए दूसरे दलों से भी सक्षम लोग संपर्क कर रहे हैं, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा.
लोकसभा की मोतिहारी सीट कांग्रेस के लिए संकट साबित हो गई है. हालांकि सीट रालोसपा के खाते में गई है, लेकिन टिकट कांग्रेस के सांसद अखिलेश सिंह के बेटे आकाश सिंह को मिल गया है. इसके कारण कांग्रेस के अंदर तनाव काफी बढ गया है. चर्चा इस बात की भी है कि अखिलेश सिंह ने अपने प्रभाव के कारण कांग्रेस की सीटें कम कर रालोसपा की सीटें बढवा दी है. जिससे कि अपने बेटे को रालोसपा से टिकट दिलवा सकें क्योंकि कांग्रेस से अपने बेटे को टिकट दिलवा पाना अखिलेश सिंह के लिए मुश्किल हो रहा था.
वही, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी से रातोरात लोकसभा का टिकट पाने वाले आकाश प्रसाद सिंह को लेकर लगातार सवाल खडे हो रहे हैं. इस दौरान जब पत्रकारों ने कुशवाहा से सवाल पूछा तो वह बिदक गए.
आज चुनाव प्रचार पर रवाना होने से पहले पत्रकारों ने उपेंद्र से सवाल दागे तो वो मीडिया पर भड़क गए. कुशवाहा ने कहा कि मेरे उपर सीट बेचने का जो आरोप लग रहा है उसमें कोई सच्चाई नहीं है. जब कुशवाहा से आकाश सिंह के रालोसपा के मेंबर नहीं होने को लेकर सवाल पूछा गया तो वह अपना आपा खो बैठे और मीडिया पर भडकते हुए कहा कि हमारी पार्टी का मेंबर क्या आप ही बनाते हैं?
चूंकि देश में अभी चुनाव का माहौल है इसलिए ऐसे में हमारे विरोधी ये आरोप लगा रहे हैं. हमारे फैसले से जिनको कष्ट पहुंचा है वही लोग हमारे उपर आरोप लगा रहे हैं, लेकिन किसी के आरोपों से क्या डरना है.
यहां बता दें कि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने अपने हिस्से के बाकी बचे 3 सीटों के लिए भी प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं.
उन्होंने पूर्वी चम्पारण(मोतिहारी) से कांग्रेस नेता और सांसद अखिलेश सिंह के बेटे आकाश कुमार सिंह और पश्चिम चम्पारण से बृजेश कुमार कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है. वहीं, खुद उजियारपुर और काराकाट दोनों जगह से चुनाव लडेंगे. कुशवाहा बिहार में महागठबंधन के सहयोगी हैं जिन्हें पांच सीटें मिली हैं.