लोकसभा चुनावः ये ट्रांसजेंडर चुनावी अखाड़े में ठोक रहे हैं ताल, अगर जीते तो रचेंगे इतिहास
By रामदीप मिश्रा | Published: April 11, 2019 04:33 PM2019-04-11T16:33:55+5:302019-04-11T16:33:55+5:30
लोकसभा चुनाव-2019: यह पहला मौका है जब ट्रांसजेंडर सम्मान के साथ लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं और अपना भाग्य आजमा रहे हैं। साथ ही साथ समाज में बराबरी की लड़ाई के लिए लड़ रहे हैं।
लोकसभा चुनाव-2019 के परिणाम आने पर अगर कोई ट्रांसजेंडर प्रत्याशी जीत हासिल करता है तो भारतीय संसद में एक दिलचस्प तस्वीर देखने को मिलेगी और नया इतिहास रचा जाएगा। दरअसल, ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2016 पारित होने के बाद यह पहला मौका है जब ट्रांसजेंडर सम्मान के साथ लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं और अपना भाग्य आजमा रहे हैं। साथ ही साथ समाज में बराबरी की लड़ाई के लिए लड़ रहे हैं। आज हम आपको ऐसे ट्रांसजेंडर के बारे में बताएंगे जोकि चुनावी अखाड़े में है और जमकर पसीना बहा रहे हैं।
ट्रांसजेंडर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी
लोकसभा चुनाव 2019 में किन्नर अखाड़ा प्रमुख लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी इलाहाबाद संसदीय सीट से आम आदमी पार्टी (आप) की टिकट से दावेदार हैं। इस बार वह उस समय सुर्खियों में आई थीं जब कुंभ मेले में किन्नर आखाड़ा पहली बार पहुंचा था। इस अखाड़े की खूब चर्चा हुई थी। इस दौरान लक्ष्मी नारायण तिवारी ने इलाहाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने को लेकर इनकार किया था। हालांकि बाद में उन्होंने आप में शामिल होकर टिकट हासिल की है।
ट्रांसजेंडर स्नेहा काले
मुंबई-नार्थ सेंट्रल लोकसभा सीट से इस बार ट्रांसजेंडर स्नेहा काले भी लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं। उनकी टक्कर दिग्गज नेताओं से है, जिनमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की मौजूदा सांसद पूनम महाजन और कांग्रेस की प्रिया दत्त शामिल हैं। ट्रांसजेंडर स्नेहा काले का मानना है कि सरकारें उनके ऊपर ध्यान नहीं देती हैं। यही वजह है कि समाज के लोगों की लड़ाई लड़ने के लिए राजनीति में आई हैं।
ट्रांसजेंडर भारती कन्नम्मा
लोकसभा चुनाव में इस बार ट्रांसजेंडर भारती कन्नम्मा भी अपना भाग्य आजमा रही हैं। वह तमिलनाडु की मदुरै लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं और निर्दलीय प्रताशी के तौर पर विरोधियों की धड़कनें बढ़ा रही हैं। अभी हाल ही में जब वह नामांकन दाखिल करने के लिए पहुंची तो उनकी विशेष वेशभूषा थी। इससे पहले भारती कन्नम्मा 2016 में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं।
एम राधा
तमिलनाडु की चेन्नई दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से एम राधा उम्मीदवार हैं और उन्होंने घर-घर जाकर चुनाव प्रचार किया है। अगर उनकी शिक्षा की बात की जाए तो वह अर्थशास्त्र से ग्रेजुएट और अंग्रेजी में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। इस लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में स्थानीय मुद्दों को उठाया, जिसमें जल संकट, कचरा और ड्रेनेज सिस्टम समाधान करने का वादा किया। वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने बेरोजगारी, यौन शोषण और ट्रांसजेंडर समुदाय का मुद्दे उठाने के आमजन को भरोसा दिया है।
शबनम मौसी देश की पहली ट्रांसजेंडर विधायक
मध्य प्रदेश की राजनीति में शबनम मौसी का खासा महत्व है और वह देशी की पहली ट्रांसजेंडर विधायक हैं। वह 1998 से 2003 तक मध्य प्रदेश राज्य विधानसभा के लिए निर्वाचित सदस्य थीं। उन्होंने शहडोल-अनुपपुर जिले के सोहागपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और जीतकर विधानसभा पहुंची थीं। वहीं, देश की पहली ट्रांसजेंडर मेयर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से आशा देवी हैं।