क्या है गांधीनगर के प्लॉट नंबर 411का राज?, नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली के हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट में PIL दायर

By सतीश कुमार सिंह | Published: April 16, 2019 12:29 PM2019-04-16T12:29:45+5:302019-04-16T14:17:05+5:30

सुप्रीम कोर्ट में PIL दायर की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि 2012 और 2017 के बीच नरेंद्र मोदी ने चुनाव आयोग को जो शपथ पत्र दिए हैं, उनमें गुजरात के गांधीनगर स्थित एक प्लॉट के मालिकाना हक़ की बात छिपायी गयी है।

lok sabha elections 2019, narendra modi affidavit arun jaitley affidavit controversy | क्या है गांधीनगर के प्लॉट नंबर 411का राज?, नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली के हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट में PIL दायर

गांधीनगर की जिस ज़मीन को नरेंद्र मोदी ने अपने हलफनामे में अपना बताया था, अरुण जेटली ने भी खुद को उस भूखण्ड को चौथाई मालिक बताया था। (फाइल फोटो)

Highlightsचुनावी हलफनामे में मोदी ने छिपाया संपत्ति का ब्योरा, पीआईएल दाखिलयह जमीन गांधीनगर में है, जिसपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वामित्व हैनरेंद्र मोदी को प्लॉट 411 का मालिकाना हक कैसे मिला, जबकि वे 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे।

साकेत गोखले द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि 2012 और 2017 के बीच नरेंद्र मोदी ने जो शपथ पत्र दिए हैं, उनमें जमीन का एक प्लॉट छिपाया गया है। यह जमीन गांधीनगर में है, जिसपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वामित्व है।

 साकेत गोखले ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में चुनाव में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।

मोदी गांधीनगर में सेक्टर-1 में प्लॉट 411 के एकलौते मालिक

इस याचिका में कहा गया है कि 2007 में नरेंद्र मोदी ने चुनावी हलफनामे में बताया कि वह गुजरात के गांधीनगर में सेक्टर-1 में प्लॉट 411 के एकलौते मालिक हैं। हालांकि, 2012 और 2014  में मोदी की तरफ से दाखिल किए गए चुनावी हलफनामे में इस प्लॉट के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वहीं सार्वजनिक रूप से उपलब्ध दस्तावेज बताते हैं कि मोदी अभी भी उस प्लॉट के मालिक हैं।

2012 के बाद से मोदी की तरफ से दाखिल किए गए हलफनामों में घोषणा की गई है कि गांधीनगर के उसी सेक्टर में स्थित प्लॉट 401/ए का मोदी के पास एक-चौथाई मालिकाना हक है। वहीं गुजरात राजस्व विभाग के पास ऐसे किसी प्लॉट की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।

प्लॉट 401 का जिक्र वित्त मंत्री अरुण जेटली के चुनावी हलफनामों में भी

रोचक बात तो यह है कि प्लॉट 401 का जिक्र वित्त मंत्री अरुण जेटली के चुनावी हलफनामों में भी है। 2006 में दाखिल चुनावी हलफनामें में अरुण जेटली घोषणा करते हैं कि वे प्लॉट 401 के एकलौते मालिक हैं। हालांकि, आगे इस प्लॉट का जिक्र उनके हलफनामों में नहीं होता है।

2014 में जब जेटली चुनावी हलफनामा दाखिल करते हैं तो खुद को उसी प्लॉट 401/ए का एक-चौथाई मालिक बताते हैं, जिसका एक चौथाई मालिक नरेंद्र मोदी ने भी खुद को बताया। जेटली बताते हैं कि यह प्लॉट उन्हें गांधीनगर के मामलतेदार ने दिया था।

सार्वजनिक रूप से उपलब्ध दस्तावेज बताते हैं कि अरुण जेटली प्लॉट 401 के एकलौते मालिक हैं। अब सवाल यह उठता है कि इस प्लॉट 401/ए का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है। 

(सभा तस्वीरें कारवां पत्रिका से)

मोदी-जेटली उसके अलग-अलग एक चौथाई मालिक कैसे हो सकते हैं!

नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली उसके अलग-अलग एक चौथाई मालिक कैसे हो सकते हैं! इसके साथ सवाल ये भी उठता है कि नरेंद्र मोदी ने किस आधार पर 2007 के चुनावी हलफनामे में खुद को प्लॉट 411 का मालिक बताया? प्लॉट 411 गांधीनगर के उस इलाके में स्थित है, जहां केवल सांसदों, विधायकों और सरकारी अधिकारियों को ही जमीनें आवंटित की जाती हैं।

2012 में इस इलाके में जमीन आवंटन को लेकर एक मामले में मीनाक्षी लेखी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि गुजरात सरकार ने सन 2000 के बाद से इस इलाके में कोई भी प्लॉट आवंटित नहीं किया है। मीनाक्षी लेखी उस समय गुजरात की स्टेट काउंसलर थीं। ऐसे में नरेंद्र मोदी को प्लॉट 411 का मालिकाना हक कैसे मिला, जबकि वे 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे।

English summary :
A petition has been filed by Saket Gokhale in the Supreme Court, alleging that a plot of land has been hidden in the affidavits given by Narendra Modi between 2012 and 2017.


Web Title: lok sabha elections 2019, narendra modi affidavit arun jaitley affidavit controversy

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