वाराणसी में बोले मुरली मनोहर जोशी-नरेंद्र मोदी को आशीर्वाद देने वाला मैं कौन होता हूं

By स्वाति सिंह | Updated: May 19, 2019 08:20 IST2019-05-19T08:10:54+5:302019-05-19T08:20:53+5:30

मीडिया के यह पूछे जाने पर कि क्‍या वे पीएम मोदी को आशीर्वाद देंगे तो उनका जवाब था कि मैं कौन होता हूं उन्‍हें आशीर्वाद देने वाला। काशी की जनता उन्‍हें आशीर्वाद दे।

Lok sabha elections 2019: Murli Manohar Joshi says Varanasi people blesses Narendra Modi | वाराणसी में बोले मुरली मनोहर जोशी-नरेंद्र मोदी को आशीर्वाद देने वाला मैं कौन होता हूं

वाराणसी से भाजपा छह बार, जनता दल, भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) और भारतीय लोकदल ने एक बार जीत हासिल की है।

Highlights1991 से 1993 तक ये भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी रहे।राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री भी नियुक्त किए जा चुके हैं।

लोकसभा चुनाव के लिए मतदान करने बीजेपी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी शनिवार को वाराणसी पहुंचे। काशी के पूर्व सांसद का नाम यहां वोटिंग लिस्ट में है। पहले उन्होंने विश्वनाथ मंदिर में पूजा की। मीडिया ने जब उनसे पूछा कि क्या वह पीएम नरेंद्र मोदी को अपना आशीर्वाद देंगे? इसपर उन्होंने कहा 'मैं कौन होता हूं आशीर्वाद देने वाला।काशी की जनता उन्हें आशीर्वाद दे।

मुरली मनोहर जोशी के राजनितीक सफर पर एक नजर

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के शासनकाल में भारत मानव संसाधन विकास मंत्री रहे जोशी का जन्म 5 जनवरी को 1934 में दिल्ली में हुआ था। वैसे तो उनका पैतृक निवास उत्तराखंड के कुमायूं क्षेत्र में है और उन्होंने एमएससी इलाहाबाद विश्वविद्यालय से किया।वे काफी कम उम्र में आरएसएस से जुड़ गए थे और 1953-1954 में एक गाय बचाव आंदोलन में इन्होंने अपना सहयोग भी दिया आरएसएस को।

कुम्भ किसान आंदोलन उत्तर प्रदेश में एक सक्रिय नेता थे जिन्होंने काफी योगदान दिया। 1977 में ये अल्मोड़ा से पहली बार सांसद बने। 1980 में ये भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बने और पार्टी के जनरल सेक्रेटरी भी बने। 1991 से 1993 तक ये भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी रहे। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री भी नियुक्त किए जा चुके हैं।

1996 में वे इलाहाबाद से लोकसभा चुनाव जीता। साल 1998 से 2004 तक ये ह्यूमन रिसोर्स एंड डेवल्पमेंट मंत्री रहे उस समय देश में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार थी। 2009 में इन्हें बीजेपी के मैनिफेस्टो प्रिपरेशन बोर्ड का चेयरमैन बना दिया गया। 2009 में वे एक बार फिर से वाराणसी से सांसद बने। 2014 में वे कानपूर से सांसद बने। राजनीति के इस विशेषज्ञ को पद्म विभूषण और देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भी मिल चुका है। 

1990 के बाद से वाराणसी सीट पर बीजेपी का दबदबा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का जन्म 1980 में हुआ था। भाजपा के प्रत्याशी श्रीश चंद्र दीक्षित ने 1991 के आम चुनाव में पार्टी को पहली बार वाराणसी संसदीय सीट पर जीत दिलायी। मंडल-कमंडल की राजनीति के दौर में बीजेपी ने 1991 के बाद 1996, 1998 और 1999 के लोकसभा चुनाव में भी वाराणसी की सीट पर जीत हासिल की।

साल 2004 में कांग्रेस नेता राजेश मिश्रा ने भाजपा के हाथों से वाराणसी सीट छीन ली, लेकिन साल 2009 में भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने वाराणसी सीट से जीत हासिल की। साल 2014 में बीजेपी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को वाराणसी से पार्टी का प्रत्याशी बनाया और उन्होंने भारी अंतर से जीत हासिल की।

वाराणसी से सबसे अधिक सात बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है। वाराणसी से भाजपा छह बार, जनता दल, भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) और भारतीय लोकदल ने एक बार जीत हासिल की है।

Web Title: Lok sabha elections 2019: Murli Manohar Joshi says Varanasi people blesses Narendra Modi