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लोक सभा चुनाव 2019: पहली बार मतदान केंद्र पर मिल सकती है मोबाइल रखने की सुविधा

By संतोष ठाकुर | Updated: March 11, 2019 07:30 IST

इसके साथ ही पहली बार चुनाव आयोग ने फोन नंबर 1950 पर मतदाता सूची में नाम चेक करने के लिए देशव्यापी सुविधा दी है।

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ठळक मुद्देसरकार ने इसके लिए एक निजी संगठन के साथ मिलकर निगरानी केंद्र बनाने का निश्चय किया है।मोाबइल फोन जमा कराने के लिए क्या व्यवहारिक कदम उठाए जा सकते हैं इसके लिए मुख्य चुनाव आयुक्त ने निर्देश दिए हैं।

चुनाव आयोग पहली बार मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को मोबाइल फोन जमा कराने की सुविधा दे सकता है। इसके लिए चुनाव आयोग ने कदम उठाने का आश्वासन दिया है। फिलहाल तक आप मतदान केंद्र में बिना मोबाइल के ही प्रवेश कर सकते हैं। अगर आपके पास मोबाइल है तो आपको केंद्र में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।

इसके साथ ही पहली बार चुनाव आयोग ने फोन नंबर 1950 पर मतदाता सूची में नाम चेक करने के लिए देशव्यापी सुविधा दी है। इसके साथ ही इस चुनाव में पहली बार सोशल मीडिया की निगरानी को लेकर भी कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार ने इसके लिए एक निजी संगठन के साथ मिलकर निगरानी केंद्र बनाने का निश्चय किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी पहली बार मतदान से पहले 48 घंटे तक साइलेंट पीरियड या कोई प्रचार नहीं, का नियम प्रभावी हो सकता है। 

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने लोकमत समूह के सवाल पर स्वीकार किया कि देश में आज के समय में सभी लोगों के पास मोबाइल है। ऐसे में मतदान केंद्रों पर वोटिंग के लिए आए लोगों के लिए फोन जमा कराने की सुविधा होनी चाहिए, जिससे वे अपना फोन जमा कराने के बाद मतदान के लिए जा पाएं।

किसी भी मतदाता को केवल इसलिए मतदान केंद्र से नहीं लौटाया जाए कि उसके पास मोबाइल फोन है और उसके पास उसे केंद्र के बाहर जमा कराने की व्यवस्था नहीं है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि हम इसको लेकर जल्द कुछ कदम उठाएंगे। चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस समय मतदान केंद्रों पर व्हीलचेयर, पानी आदि उपलब्ध कराया जाता है।

मोाबइल फोन जमा कराने के लिए क्या व्यवहारिक कदम उठाए जा सकते हैं इसके लिए मुख्य चुनाव आयुक्त ने निर्देश दिए हैं। अगर कोई व्यहारिक हल निकलता है तो लोगों को मतदान केंद्रों पर मोबाइल फोन जमा कराने की सुविधा मिल सकती है। 

इधर, पहली बार चुनाव आयोग ने लगातार सोशल मीडिया की निगरानी करने का निर्णय किया है। आईएएमएआई के साथ मिलकर चुनाव आयोग ने निगरानी केंद्र बनाने का मन बनाया है। इसके तहत यह देखा जाएगा कि क्या कोई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म किसी तरह से चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास तो नहीं कर रहा है। इसके साथ ही ये केंद्र इस बात को भी देखेंगे कि क्या चुनाव से पहले के 48 घंटे वाले साइलेंस समय में इन पर कोई प्रचार या परोक्ष प्रचार तो नहीं हो रहा है।

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि इस समय मुंबई हाईकोर्ट में एक मामला चल रहा है, जिसमें जल्द सुनवाई होनी वाली है। इसी तरह से कई अन्य कदम पाइपलाइन में है। हम सोशल मीडिया पर नजर रखेंगे। हमनें उम्मीदवारोंं को यह निर्देश दिया है कि वे अपने सोशल मीडिया एकाउंट की जानकारी दे जिससे उन पर नजर रखी जा सके। 

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