राफेल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला : 48 घंटे में सरकार को लगा 5वां झटका, पीएम मोदी घिरे संकट में

By निखिल वर्मा | Published: April 10, 2019 05:05 PM2019-04-10T17:05:09+5:302019-04-10T18:24:11+5:30

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पूर्व अधिकारियों द्वारा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखे जाने के बाद से ही चुनाव आयोग पर निष्पक्षता को लेकर दबाव बढ़ गया है।

Lok Sabha Elections 2019 Government took the 5th blow in 48 hours, PM Modi in crisis | राफेल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला : 48 घंटे में सरकार को लगा 5वां झटका, पीएम मोदी घिरे संकट में

राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है।

Highlightsराफेल पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार, सरकार की दलीलें खारिज कीनमो टीवी का खर्च भाजपा के चुनावी खाते में, चुनाव आयोग ने लिया संज्ञान

राफेल सौदे से संबंधित कुछ नए दस्तावेजों को आधार बनाये जाने पर केंद्र की प्रारंभिक आपत्ति को सुप्रीम कोर्ट द्वारा ठुकराए जाने के बाद मोदी सरकार की मुश्किल बढ़ सकती है। इस मामले में विपक्ष भी हमलावर है।

बुधवार को विपक्षी दलों ने जमकर मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि अब राफेल सौदे का सच सामने आएगा। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और दावा किया है कि ''राफेल की चोरी'' का सच सामने आ गया है और ''चौकीदार'' को सजा जरूर मिलेगी। 

पिछले 48 घंटे में चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट से मोदी सरकार को 5 कड़े झटके मिले हैं। पढ़िए पूरा मामला...

1. राफेल पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार
 
सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे से संबंधित कुछ नए दस्तावेजों को आधार बनाये जाने पर केंद्र की प्रारंभिक आपत्ति को ठुकरा दिया। इन दस्तावेजों पर केंद्र सरकार ने ‘‘विशेषाधिकार’’ का दावा किया था।

केंद्र ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने विशेष दस्तावेज गैरकानूनी तरीके से हासिल किए और 14 दिसम्बर, 2018 के निर्णय को चुनौती देने के लिए इसका प्रयोग किया गया। इस फैसले में न्यायालय ने फ्रांस से 36 राफेल विमान सौदे को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था। 

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की एक पीठ ने कहा, ‘‘ हम केन्द्र द्वारा समीक्षा याचिका की स्वीकार्यता पर उठाई प्रारंभिक आपत्ति को खारिज करते हैं।’’

शीर्ष अदालत ने कहा कि 14 दिसंबर को राफेल विमान की खरीद से जुड़ी सभी याचिकाओं को खारिज करने संबंधी करने के फैसले पर दायर सभी पुनर्विचार याचिकाओं पर गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। न्यायालय ने कहा कि वह राफेल पर पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई के लिए तारीख तय करेगा। 

शीर्ष अदालत ने 14 मार्च को उन विशेषाधिकार वाले दस्तावेजों की स्वीकार्यता पर केंद्र की प्रारंभिक आपत्तियों पर फैसला सुरक्षित रखा था जिन्हें पूर्व केंद्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी तथा वकील प्रशांत भूषण ने शीर्ष अदालत के 14 दिसंबर के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका में शामिल किया था।

2. नमो टीवी का खर्च भाजपा के खाते में

इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार चुनाव आयोग ने नमो टीवी पर होने वाले प्रचार का खर्च भाजपा के खाते में जोड़ने का फैसला किया है। वहीं आयोग ने कड़ा कदम उठाते हुए नमो टीवी पर बैन लगा दिया है। चुनाव के दौरान नमो टीवी ऑफ एयर रहेगा।

3. पीएम मोदी की बायोपिक की रिलीज टली

चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बायोपिक के रिलीज पर बुधवार को रोक लगा दी है। यह फिल्म 11 अप्रैल को रिलीज होनी थी। पीएम मोदी की बायोपिक की रिलीज पर रोक चुनाव के संपन्न होने तक जारी रहेगी।

चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन पर आधारित बायोपिक की स्क्रीनिंग पर चुनाव आचार संहिता लागू होने का हवाला देते हुये रोक लगाई है। आयोग ने बुधवार को अपने आदेश में कहा कि चुनाव के दौरान ऐसी किसी फिल्म के प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जा सकती है जो किसी राजनीतिक दल या राजनेता के चुनावी हितों का पोषण करती हो। 

4. बालाकोट पर पीएम मोदी के बयान का चुनाव आयोग ने लिया संज्ञान

चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का संज्ञान लिया है, जिसमें उन्होंने पहली बार मतदान करने वालों से कहा है कि अपना वोट उन्हें समर्पित करें जिन्होंने बालाकोट हवाई हमले को अंजाम दिया।

आयोग ने महाराष्ट्र में चुनाव अधिकारियों से इस पर रिपोर्ट मांगी है। चुनाव आयोग के सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव अधिकारी से जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। 

5. छापेमारी पर चुनाव आयोग सख्त

चुनाव आयोग ने आयकर विभाग की पिछले तीन दिनों से जारी छापेमारी को कांग्रेस द्वारा सत्तारूढ़ भाजपा के उकसावे पर की गयी कार्रवाई बताये जाने संबंधी आरोपों पर संज्ञान लेते हुय राजस्व सचिव और केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष से विस्तृत जानकारी मांगी है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है आयकर विभाग की छापेमारी, चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का नतीजा है।

सूत्रों के अनुसार आयोग ने आयकर विभाग और सीबीडीटी की पिछले दो दिनों से चल रही छापेमारी पर संज्ञान लेते हुये यह कदम उठाया है। इस संबंध में चुनाव आयोग ने मंगलवार को सीबीडीटी के चेयरमैन पीसी मोडी और रेवेन्यू सेक्रेटरी एबी पाण्डेय को बुलाया और जानकारी मांगी। दोनों अधिकारियों ने भी छापेमारी के बारे में विस्तृत जानकारी और दस्तावेज चुनाव आयोग को सौंपे हैं।

पूर्व अधिकारियों के पत्र से चुनाव आयोग पर बढ़ा दबाव

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पूर्व अधिकारियों द्वारा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखे जाने के बाद से ही चुनाव आयोग पर निष्पक्षता को लेकर दबाव बढ़ गया है। बता दें कि 66 पूर्व नौकरशाहों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द को पत्र लिखकर आचार संहिता के उल्लंघन, खासतौर पर सत्तारूढ़ पार्टी की संलिप्तता वाले, कथित मामलों से निपटने में विफल रहने पर चुनाव आयोग की विश्वसनीयता और कामकाज पर चिंता जताई है। 

चुनाव आयोग (ईसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस मुद्दे पर अपने विचार रखने के लिए आयोग 12 अप्रैल को पत्र का जवाब दे सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘इस वक्त आयोग 11 अप्रैल को पहले चरण के मतदान की तैयारियों में व्यस्त है। इससे अलावा उसका ध्यान छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले के बाद की स्थिति पर भी है।’’ 

पूर्व नौकरशाहों ने जिन मामलों का उदाहरण दिया है उनमें, भारत के पहले उपग्रह भेदी मिसाइल (ए-सैट) के कामयाब परीक्षण, ‘मोदी: ए कॉमन मेन्स जर्नी’ वेब सीरीज को रिलीज करना और नमो टीवी चैनल को शुरू करने के संबंध में चुनाव आयोग की कार्रवाई करने में ‘सुस्ती’ के मामले शामिल हैं। पूर्व अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भारतीय सेना को ‘मोदी की सेना’ बताने का भी उदाहरण दिया है। 

 

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