लोकसभा चुनाव 2019ः कांग्रेस को केरल और छत्तीसगढ़ के बाद पंजाब से सबसे अधिक सीटों की उम्मीद
By हरीश गुप्ता | Published: May 18, 2019 08:09 AM2019-05-18T08:09:17+5:302019-05-18T08:09:17+5:30
केरल और छत्तीसगढ़ के बाद पंजाब ऐसा राज्य है, जहां कांग्रेस लोकसभा की सीटें बहुमत से जीतने की उम्मीद कर रही है. उसे राज्य की 13 सीटों में से कम से कम सात सीटें मिलने की आशा है.
यह भले ही अजीब लगे, लेकिन सत्ता के गलियारे में इस पर चर्चा हो रही है कि पाकिस्तान की सीमा से लगे पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर 2019 में क्या परिणाम होगा. केरल और छत्तीसगढ़ के बाद पंजाब ऐसा राज्य है, जहां कांग्रेस लोकसभा की सीटें बहुमत से जीतने की उम्मीद कर रही है. उसे राज्य की 13 सीटों में से कम से कम सात सीटें मिलने की आशा है.
अकाली दल जब 'पुराने अकाली दल' और पुराने सिपहसालारों के बीच लड़ाई का सामना कर रहा है, तो प्रकाश सिंह बादल अपने बेटे सुखबीर सिंह बादल को तवज्जो दे रहे हैं, वहीं कांग्रेस हाईकमान मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के वर्चस्व को स्वीकार करते हैं. यदि अकाली दल के वरिष्ठ नेता सुखदेव सिंह ढींडसा ने बगावत का झंडा उठाया, तो टकसाली पार्टी शांतिपूर्ण पंजाब में बेचैनी बढ़ाने के लिए हरकत में आ गई है. कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू, प्रताप सिंह बाजवा और अन्य लोग अमरिंदर सिंह की कार्यशैली के खिलाफ हैं.
भाजपा नेतृत्व बेबस है क्योंकि कोई भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की ओर से थोपे गए श्वेत मलिक के नेतृत्व को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है. भाजपा बड़ी मुश्किल से अमृतसर (केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी), गुरदासपुर (सनी देओल) और होशियारपुर (सोम प्रकाश) में उम्मीदवार तलाश पाई है. भाजपा गुरदासपुर में सनी देओल के खिलाफ पंजाब कांग्रेस के प्रमुख सुनील जाखड़ के उतरने से परेशान है.
पार्टी ने सामाजिक न्याय मंत्री विजय सांपला को सोम प्रकाश को समर्थन देने के लिए मना लिया. इस प्रकार भाजपा तीन सीटों पर कांग्रेस की कड़ी टक्कर में उलझी हुई है, जबकि अकाली दल बाकी 10 सीटों पर अब तक की बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है. सुखबीर सिंह बादल और उनकी पत्नी हरसिमरत कौर क्रमश: फरोजपुर और बठिंडा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
अकाली दल ने किया था गुप्त समझौता
पता चला है कि अकाली दल ने 2017 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गोपनीय समझौता कर उसको आप को रोकने में मदद की थी. दिलचस्प बात यह है कि बादल कैप्टन अमरिंदर सिंह को 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें दी गई मदद का बदला चुकाने के लिए कह रहे हैं. सुखबीर सिंह बादल उनकी मदद चाहते हैं और पटियाला लोकसभा सीट जहां से कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परणीत कौर चुनाव लड़ रही हैं, वहां मदद देना चाहते हैं.
आप को देश में केवल 1 सीट मिलने की उम्मीद
आम आदमी पार्टी जो 2017 में पंजाब में सत्ता पर काबिज होने के करीब थी, वह अब केवल लोकसभा की दो सीटों संगरूर और फरीदपुर पर ध्यान केंद्रित कर रही है. आप को देश में केवल संगरूर सीट जीतने की उम्मीद है जहां से भगवंत मान ने राजग को चिंतित कर दिया है.