लोकसभा चुनाव 2019: संकल्प पत्र से हो गया साफ, 5 साल के मोदी राज में बीजेपी का हो गया कायापलट
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 8, 2019 07:42 PM2019-04-08T19:42:29+5:302019-04-08T19:44:16+5:30
Lok Sabha Chunav 2019: भाजपा कार्यलय में पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, संकल्प पत्र समिति के प्रमुख राजनाथ सिंह ने घोषणापत्र जारी किया।
बदलाव प्रकृति का शास्वत नियम है क्योंकि समय चलने वाली चीज है। वक्त किसी का इतंजार नहीं करती है। इस बार भाजपा मुख्यालय पर भी यहीं देखने को मिला। 2019 में भाजपा का मंच बदला-बदला था। भाजपा का मंच 2014 के मुकाबले पूरा बदल चुका था।
इस बार मंच पर मार्गदर्शक मंडल के सदस्य नहीं थे। यानी वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी इस बार न मंच पर दिखे और न ही संकल्प पत्र पर। यहां तक की पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी संकल्प पत्र पर नहीं दिखे। पांच साल में भाजपा में यह बदलाव दिखा। संकल्प पत्र पर सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही दिखे।
भाजपा कार्यलय में पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, संकल्प पत्र समिति के प्रमुख राजनाथ सिंह ने घोषणापत्र जारी किया। मंच पर पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, संगठन मंत्री रामलाल और केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत मौजूद रहे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी शामिल होना था, लेकिन वह नहीं पहुंचे।
2014 से कितना बदला...
अगर पांच साल पहले की बात करें तो उस समय घोषणापत्र जारी करते वक्त मंच पर वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, रविशंकर प्रसाद, जेपी नड्डा भी मौजूद थे, जो कि इस बार मंच पर नहीं दिखे। मंच के साथ-साथ कवर भी चेंज कर दिया गया।
संकल्प पत्र पर सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही दिखे। इस तरह से देखा जाए तो संकल्प पत्र पर सिर्फ प्रधानमंत्री की तस्वीर है। भाजपा के संकल्प पत्र पर कांग्रेस ने हमला भी बोल दिया। मुख्य पेज पर मोदी तो सबसे पिछले पेज पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी है।
2014 बनाम 2019
2014 में यूपीए बनाम एनडीए का मुद्दा था। बड़े-छोटे सभी भाजपा के नेता एकजुट थे। 2014 के घोषणापत्र को देखें तो पूरा तबका शामिल था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह (तब के अध्यक्ष) सबसे ऊपर और उसके बाद नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार), अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे, मुरली मनोहर जोशी और रमन सिंह की तस्वीर शामिल थी। अटल बिहारी वाजपेयी और मनोहर पर्रिकर अब इस दुनिया में नहीं हैं, जबकि शिवराज-रमन-वसुंधरा राजे अब मुख्यमंत्री पद पर नहीं हैं।
75 प्लस को टिकट नहीं...
भाजपा ने इस बार 75 प्लस को टिकट नहीं दिया है। इस कारण लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कलराज मिश्रा, सुमित्रा महाजन, हुकुमदेव नारायण यादव, भुवन चंद खंडूरी जैसे नेता इस बार चुनाव नहीं लड़े रहे हैं। इस वजह से बड़े नेता भाजपा से नाराज भी है। विपक्षी दल भी इस पर हमला कर रहे हैं।