बर्खास्त बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीदवारी रद्द किये जाने के मामले में तेज बहादुर की याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच से इसे खारिज करते हुए कहा, 'हमें इस याचिका में ऐसी कोई बात नहीं दिखती कि हम इस पर सुनवाई करें।'
तेज बहादुर के राजनीतिक करियर के लिए यह बड़ा झटका है। तेज बहादुर ने दरअसल वाराणसी से सपा के टिकट पर नामांकन भरा था और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। हालांकि, उनका नामांकन दस्तावेजों में कमी के आधार पर रद्द कर दिया गया था। तेज बहादुर ने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और अपनी याचिका में रिटर्निंग अधिकारी पर गलत फैसला लेने की बात कही थी।
बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चुनाव आयोग से 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा था। तेज बहादुर इससे पहले भी तब सुर्खियों में आये थे जब उन्होंने सैनिकों को खराब भोजन परोसे जाने का आरोप लगाते हुए एक वीडियो बनाया था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ थी। इसके बाद उन्हें बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया।
तेज बहादुर ने उम्मीदवारी रदद् होने पर आरोप लगाया था कि पीएम मोदी की जीत आसान करने के लिए उनकी उम्मीदवारी रद्द की गई। दरअसल, नियमों के अनुसार किसी सरकारी नौकरी से बर्खास्त होने के बाद अगर कोई नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जमा नहीं कराता है तो वह पांच साल तक चुनाव नहीं लड़ सकता। तेज बहादुर को दो साल पहले ही निलंबित किया गया था।