लोकसभा चुनाव 2019 नतीजेः कांग्रेस के लिए राहुल की मेहनत रंग लाएगी या बीजेपी के लिए संघ की सक्रियता!
By प्रदीप द्विवेदी | Published: May 23, 2019 08:35 AM2019-05-23T08:35:55+5:302019-05-23T08:35:55+5:30
इस चुनाव के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश में खूब पसीना बहाया है, तो उधर चुनावी मौके की नजाकत को देखते हुए संघ ने भी समर्पित सक्रियता दिखाई है। इसीलिए प्रश्न यह है कि कांग्रेस के लिए राहुल की मेहनत रंग लाएगी या संघ की सक्रियता भाजपा को सफलता दिलाएगी?
जयपुर (22 मई): लोकसभा चुनाव के लिए मतगणना के इंतजार के बीच बड़ी चर्चा यह है कि राजस्थान में इस बार वाकई कितनी सीटें मिलेंगी कांग्रेस को? इस चुनाव के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश में खूब पसीना बहाया है, तो उधर चुनावी मौके की नजाकत को देखते हुए संघ ने भी समर्पित सक्रियता दिखाई है, इसीलिए प्रश्न यह है कि कांग्रेस के लिए राहुल की मेहनत रंग लाएगी या संघ की सक्रियता भाजपा को सफलता दिलाएगी?
वैसे, एक्जिट पोल ने जहां भाजपा को उत्साहित किया है, वहीं कांग्रेस को उलझन में डाल दिया है, क्योंकि एक्जिट पोल की माने तो भाजपा को 20 से 25 सीटें मिल रही हैं, वहीं कांग्रेस की ओर 0 से 5 सीटें आती नजर आ रही हैं, जाहिर है जहां भाजपा ने इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया है, वहीं, कांग्रेस ने पूरी तरह से नकार दिया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एक्जिट पोल के अनुमानों को लेकर कहना था कि 2004 के लोकसभा चुनाव के बाद अटलबिहारी वाजपेयी के समय भी एक्जिट पोल गलत साबित हुए थे. उस समय भी एक्जिट पोल राजग की सरकार बनवा रहे थे, लेकिन उसके बाद संप्रग सरकार बनी और अगले 10 साल तक केंद्र में रही.
उनका तो यह भी कहना था कि हमारे सभी 25 उम्मीदवार जीत रहे हैं, प्रदेश में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करेगी. उधर, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एक्जिट पोल के नतीजों से उत्साहित होकर ट्वीट किया- 'लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर सर्वे एजेंसियों द्वारा जारी एक्जिट पोल का अनुमान बिल्कुल सटीक है. राजस्थान की जनता का आभार जिन्होंने भारी उत्साह से मतदान कर साबित कर दिया कि भापजा प्रदेश की सभी 25 सीटें जीतेगी तथा देश में फिर एक बार मोदी सरकार का नारा साकार होगा.'
हालांकि, भाजपा को सबसे बेहतर स्थिति में बताने वाले एक्जिट पोल में भी करौली-धौलपुर, टोंक-सवाई माधोपुर और बाड़मेर सीटों पर भाजपा की जीत पर सवालिया निशान लगाया गया है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जहां मेवाड़, हाडौती, वागड़ सहित राजधानी जयपुर क्षेत्र में भाजपा मजबूत है, वहीं मारवाड़ और उत्तर-पूर्वी राजस्थान कांग्रेस की उम्मीदों के क्षेत्र हैं.
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव 2018 के बाद से ही कांग्रेस के लिए राजस्थान खास हो गया था, यही वजह है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान राजस्थान में कुल एक दर्जन रैलियां कीं, मतलब, राजस्थान से कुछ खास उम्मीदें रही हैं राहुल गांधी को? पिछले आम चुनाव में यहां की 25 में से 25 सीटें भाजपा के खाते में गई थी, इसलिए इस बार कांग्रेस के लिए पाना-ही-पाना है, खोना कुछ नहीं है.