मीडिया की सुर्खियां छीन लेते हैं पीएम मोदी, एकसाथ तीन एंकरों को इंटरव्यू देकर किया अभिनव प्रयोग
By हरीश गुप्ता | Updated: May 6, 2019 07:56 IST2019-05-06T07:43:43+5:302019-05-06T07:56:03+5:30
मोदी ने इस बार चुनाव प्रचार के मकसद से एक टीवी चैनल को साक्षात्कार देने में अभिनव प्रयोग किया. जब वह वाराणसी में नामांकन पत्र दाखिल करने गए तो नौका पर चैनलकर्मियों को ले गए.

फाइल फोटो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने प्रतिद्बंद्बी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तुलना में योजनाबद्ध तरीके से मीडिया के जरिये अत्यधिक सुर्खियां हासिल कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान अब तक अगर उन्होंने एनडीटीवी और जी को छोड़कर लगभग सभी प्रमुख टीवी चैनलों पर साक्षात्कार देकर प्रचार में दुर्लभ उपलब्धि हासिल की है, तो राहुल चुनिंदा पारिवारिक टीवी चैनलों को छोड़कर दूसरे चैनलों पर आने से घबरा रहे हैं.
मोदी ने इस बार चुनाव प्रचार के मकसद से एक टीवी चैनल को साक्षात्कार देने में अभिनव प्रयोग किया. जब वह वाराणसी में नामांकन पत्र दाखिल करने गए तो नौका पर चैनलकर्मियों को ले गए. तीन एंकरों का एक साथ इंटरव्यू लेना इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अभिनव प्रयोग था. उसके बाद उन्होंने 2 मई को एक और प्रयोग करते हुए प्रचार अभियान से खुद को अलग कर दिल्ली में डेरा जमाया.
यहां नेहरू स्टेडियम में उन्होंने 6000 दर्शकों की मौजूदगी में इंडिया टीवी के प्रमुख एंकर रजत शर्मा के सवालों के एक घंटे तक जवाब दिए. इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं किया, लेकिन मोदी ने सुर्खियों में रहने और लोगों से जुड़ने के लिए यह प्रयोग किया.
प्रचार नहीं करने के दौरान सुर्खियों में रहने की यह उनकी शैली है. चुनाव आयोग द्वारा उनकी बायोपिक की रिलीज पर रोक लगाने के मामले में जब सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था, तब उन्होंने राजनीति में बॉलीवुड की एंट्री की मिसाल पेश की. उन्होंने अपने आवास पर अभिनेता अक्षय कुमार को इंटरव्यू देने का फैसला किया. टीवी न्यूज एजेंसी एएनआई ने अक्षय की सेवा ली थी. बायोपिक रिलीज नहीं होने से मोदी के प्रचार को जो नुकसान पहुंचा था, उसकी भरपाई इस इंटरव्यू से हो गई.
यहां तक कि राहुल गांधी के कट्टर समर्थकों को कुछ हद तक निराशा हुई है कि वह ऐसा नहीं कर रहे हैं. वह यात्रा के दौरान बातचीत करना पसंद करते या रैलियों को संबोधित करने से पहले मंच पर खड़े होते हैं. लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद पिछले 35 दिनों में अगर प्रधानमंत्री मोदी ने प्रमुख राष्ट्रीय दैनिक या क्षेत्रीय अखबारों को करीब 16 इंटरव्यू दिए तो राहुल का इस मामले में भी प्रभावशाली रिकॉर्ड नहीं रहा है.
दिलचस्प बात यह है कि मोदी ने अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान कुछ अनुकूल टीवी चैनलों के अलावा किसी को इंटरव्यू देने पर परहेज किया, लेकिन चुनाव अभियान के दौरान वह सभी प्रमुख टीवी चैनलों और मीडिया घरानों से जरूरतों और प्राथमिकताओं के आधार पर बात कर रहे हैं.
पीएम मोदी ऐसे करते हैं मीडिया प्रबंधन
दिलचस्प बात यह है कि मोदी और राहुल अपने संबंधित कार्यालयों के जरिये सख्ती से मीडिया प्रबंधन करते हैं द्वारा सख्ती से किया जाता है, लेकिन प्रधानमंत्री कई बार किसी अधिकारी को शामिल किए बगैर खुद यह करते हैं. एक बात निश्चित है, प्रत्येक चरण के मतदान से पहले वह मीडिया से रूबरू होने की योजना स्वयं बनाते हैं. अब जबकि दो चरणों 12 और 19 मई को मतदान बाकी है, प्रधानमंत्री उन मीडिया हाउसों को आमंत्रित कर सकते हैं, जिन्हें अब तक इंटरव्यू नहीं दिया जा सका है. प्रधानमंत्री मोदी के सभी इंटरव्यू उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर संग्रहीत हैं.