महागठबंधन में कीर्ति आजाद का भविष्य दांव पर, दरभंगा सीट पर RJD ने किया चुनाव लड़ने का ऐलान
By एस पी सिन्हा | Published: March 26, 2019 06:13 AM2019-03-26T06:13:11+5:302019-03-26T06:13:11+5:30
कांग्रेस वर्तमान सांसद कीर्ती झा आजाद को दरभंगा से टिकट देने पर अड़ी हुई है. कांग्रेस का दावा है कि दरभंगा सीट कांग्रेस की पारंपरिक सीट रही है, लेकिन राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कांग्रेस के दावों को खारिज कर दिया है.
बिहार की दरभंगा लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस और राजद के बीच चल रही खींचतान में नया मोड़ आ गया है. ऐसे में लोकसभा चुनाव को लेकर जारी सियासत के बीच महागठबंधन के सभी घटक दलों की हिस्सेदारी तय होने के बाद भी घमासान थम नहीं रहा है. ऐसे में कीर्ति झा आजाद का भविष्य दांव पर लग गया है.
दरअसल, बिहार की 40 संसदीय सीटों में बराबर की हिस्सेदारी मांग रही कांग्रेस को राजद ने सिर्फ नौ सीटें थमाई है. बाकी सभी 31 सीटें सहयोगियों के साथ अपने पास रखी है. वहीं, राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने दरभंगा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. सिद्दीकी ने कहा है कि दरभंगा सीट से मेरे चुनाव लडने का फैसला पार्टी का फैसला है.
ऐसे में प्रश्न यह उठने लगा है कि भाजपा को छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने वाले कीर्ति झा आजाद का क्या होगा? हालांकि कांग्रेस की ओर से भी दरभंगा सीट पर दावेदारी की जा रही थी. कांग्रेस वर्तमान सांसद कीर्ती झा आजाद को दरभंगा से टिकट देने पर अड़ी हुई है. कांग्रेस का दावा है कि दरभंगा सीट कांग्रेस की पारंपरिक सीट रही है, लेकिन राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कांग्रेस के दावों को खारिज कर दिया है. सिद्दीकी इस मामले पर खुलकर बोलने से परहेज कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि मधुबनी सीट ही उनकी पारंपरिक सीट रही है. लेकिन पार्टी ने उन्हें दरभंगा से चुनाव लडने के लिए कहा है.
वैसे कांग्रेस की ओर से दरभंगा सीट पर हो रही दावेदारी पर सिद्दिकी ने कुछ भी बोलने से साफ इनकार किया है. उन्होंने कहा कि कौन क्या दावा कर रहा है इसपर उन्हें कोई टिप्पणी नहीं करनी है. दरभंगा सीट पर उनके चुनाव लडने पर कांग्रेस और कीर्ती झा आजाद की ओर से समर्थन नहीं मिलने पर सिद्दिकी ने कहा कि कांग्रेस महागठबंधन में है और मेरे चुनाव लड़ने का फैसला महागठबंधन की सहमति से ही होगा. जहां तक कीर्ति आजाद की बात है तो कोई भी व्यक्ति संगठन से बड़ा नहीं होता है. संगठन का फैसला ही हर नेता को मान्य होता है.
वहीं, दरभंगा सीट को लेकर राजद और कांग्रेस में फंसी पेंच पर जदयू ने चुटकी ली है. जदयू विधान पार्षद दिलीप चौधरी ने कहा है कि राजद और कांग्रेस दोनों ही ठगबंधन की राजनीति कर रहे हैं. दोनों का इरादा एक दूसरे को ठगना ही है. बिहार में कांग्रेस का कोई वजूद नहीं. राजद जो कहेगी कांग्रेस को मानना होगा.
ऐसे में दरभंगा सीट दोनों ही दलों के लिए गले की हड्डी बन गई है. बिहार के मिथिलांचल बेल्ट की इस सबसे अहम सीट पर कांग्रेस की नजर थी. लेकिन राजद के ऐलान के साथ ही ये तय हो गया है कि अब दरभंगा से सिद्दिकी ही चुनाव लड़ेंगे.
कीर्ति आजाद के बारे में कहा जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान उन्हें झारखंड की धनबाद सीट या फिर दिल्ली की किसी सीट से टिकट दे सकती है. लेकिन कीर्ति आजाद ने कांग्रेस ज्वाइन करते वक्त भी कहा था कि वो दरभंगा सीट से ही चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में राजद के इस फैसले से उन्हें निराशा का सामना करना पड़ सकता है.