लोकसभा चुनावः लेकिन, दक्षिण राजस्थान की इस सीट पर त्रिकोणात्मक संघर्ष है...
By प्रदीप द्विवेदी | Published: April 11, 2019 07:21 PM2019-04-11T19:21:29+5:302019-04-11T19:21:29+5:30
विधानसभा चुनाव 2018 में यह सियासी तस्वीर बदल गई है. इस लोकसभा क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों- डूंगरपुर, सागवाड़ा, चौरासी, घाटोल, गढ़ी, बांसवाड़ा, बागीदौरा और कुशलगढ़ में से कांग्रेस को तीन, बीजेपी को दो, बीटीपी को दो और एक सीट बागी कांग्रेसी को मिली थी.
दक्षिण राजस्थान की बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट इस वक्त खासी चर्चा में है. वजह? वैसे तो राजस्थान में कांग्रेस-बीजेपी में ही सीधी टक्कर होती आई है और बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर भी पिछले चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही सीधा मुकाबला हुआ था, किन्तु इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान इस क्षेत्र में बीटीपी के उदय के बाद अब संघर्ष त्रिकोणात्मक हो गया है.
बीटीपी की मौजूदगी के कारण कांग्रेस-बीजेपी, दोनों का जीत का समीकरण गड़बड़ा गया है. लोकसभा चुनाव 2014 में इस सीट पर बीजेपी के मानशंकर निनामा ने 577433 वोट हांसिल करके 91916 वोटों से जीत दर्ज करवाई थी. कांग्रेस की रेशम मालवीया 485517 वोट लेकर दूसरे नंबर पर रही थी, किन्तु तीसरे नंबर के उम्मीदवार को केवल 27886 वोट ही मिल पाए थे.
परन्तु, अब ऐसा नहीं है. विधानसभा चुनाव 2018 में यह सियासी तस्वीर बदल गई है. इस लोकसभा क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों- डूंगरपुर, सागवाड़ा, चौरासी, घाटोल, गढ़ी, बांसवाड़ा, बागीदौरा और कुशलगढ़ में से कांग्रेस को तीन, बीजेपी को दो, बीटीपी को दो और एक सीट बागी कांग्रेसी को मिली थी. यही नहीं, कुछ अन्य सीटों पर भी बीटीपी ने अपनी प्रभावी मौजूदगी दर्ज करवाई थी.
जाहिर है, इस लोस चुनाव में बीटीपी के लिए बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट जीतना भले ही आसान नहीं हो, लेकिन कांग्रेस-बीजेपी की हार-जीत की गणित तो गड़बड़ कर ही दी है.