BJP सांसद रामचरित्र निषाद ने अपना इस्तीफा पार्टी मुख्यालय के चौकीदार को सौंपा, बताई ये बड़ी वजह
By रामदीप मिश्रा | Published: April 23, 2019 02:26 PM2019-04-23T14:26:03+5:302019-04-23T15:15:08+5:30
रामचरित्र निषाद को समाजवादी पार्टी ने मिर्जापुर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है और उसने इस सीट पर अपना प्रत्याशी बदल दिया। रामचरित्र निषाद ने अभी हाल ही में सपा का दामन थामा थामा था। ऐसा उन्होंने अखिलेश यादव की मौजूदगी में किया था।
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के मछलीशहर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मौजूदा सांसद रामचरित्र निषाद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मंगलवार (23 अप्रैल) को दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय के चौकीदारी को अपना इस्तीफा सौंपा है। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने अपना इस्तीफा बीजेपी मुख्यालय के चौकीदार को सौंप दिया है।
उन्होंने कहा, 'इस्तीफा देने की वजह यह नहीं है कि मेरा टिकट काट दिया गया, इसके लिए मुझे कोई तकलीफ नहीं है। तकलीफ सिर्फ इस बात की है जो व्यक्ति पांच साल पहले हमसे दो लाख वोटों से हारा हो उसको उठाकर टिकट दे दिया गया। वही हमको पीड़ा है। अगर स्थानीय नेता या पदाधिकारी को टिकट दिया जाता तो मुझे कोई दिक्कत नहीं थी इसीलिए बीजेपी से इस्तीफा दिया।'
आपको बता दें कि बीते दिन सोमवार (22 अप्रैल) को रामचरित्र निषाद को समाजवादी पार्टी ने मिर्जापुर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है और उसने इस सीट पर अपना प्रत्याशी बदल दिया। रामचरित्र निषाद ने अभी हाल ही में सपा का दामन थामा थामा था। ऐसा उन्होंने अखिलेश यादव की मौजूदगी में किया था।
गौरतलब है कि बीजेपी ने रामचरित्र निषाद का इस बार मछलीशहर लोकसभा सीट से टिकट काट दिया और हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए बीपी सरोज को टिकट दिया गया। निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद के बीजेपी में शामिल होना महागठबंधन के लिए झटका माना जा रहा था। पूर्वांचल की 25 सीटों निषाद पार्टी का मजबूत वोटबैंक है।
रामचरित्र निषाद को सपा में शामिल कर अखिलेश यादव ने निषाद वोट के डैमेज कंट्रोल की कोशिश की है। मिर्जापुर सीट से राजग ने अपना दल (एस) नेता व केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को जबकि कांग्रेस ने अपने पुराने उम्मीदवार ललितेश पति त्रिपाठी को मैदान में उतारा है। इस सीट के लिए मतदान अंतिम चरण में 19 मई को होना है।