लोकसभा चुनावः महिलाओं को सियासी अवसर देने की बात महज दिखावटी है?

By प्रदीप द्विवेदी | Published: March 31, 2019 11:26 PM2019-03-31T23:26:48+5:302019-03-31T23:26:48+5:30

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सियासी दल सीट खोने के डर से महिला उम्मीदवारों को अवसर नहीं देते हैं. ज्योति खंडेलवाल पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं

LOK SABHA ELECTION 2019: womens will get political opportunity is just a fake show | लोकसभा चुनावः महिलाओं को सियासी अवसर देने की बात महज दिखावटी है?

लोकसभा चुनावः महिलाओं को सियासी अवसर देने की बात महज दिखावटी है?

Highlightsज्योति मिर्धा पिछली बार भी लोकसभा चुनाव लड़ी थी और मोदी लहर के बावजूद करीब 75 हजार वोटों से ही हार गई थी, लिहाजा इस बार कांग्रेस ने जीत के भरोसे के साथ उन्हें उम्मीदवार बनाया है.बीजेपी ने दौसा सीट 50 हजार से भी कम वोटों के अंतर से जीती थी, इसलिए कांग्रेस, सविता मीणा की जीत को लेकर आशान्वित है.

महिलाओं को राजनीति में पर्याप्त सम्मान और अवसर मिलना चाहिए, यह बात बार-बार सैद्धान्तिक तौर पर तो दोहराई जाती है, लेकिन प्रायोगिक धरातल पर यह केवल दिखावटी है. राजस्थान में बीजेपी ने जो पहली सूची जारी की, उसमें एक भी महिला उम्मीदवार नहीं है, अलबत्ता अपर्याप्त ही सही, कांग्रेस की पहली सूची में तीन महिला उम्मीदवार जरूर हैं. 

कांग्रेस ने पहली सूची में दौसा से सविता मीणा, जयपुर से ज्योति खंडेलवाल और नागौर से ज्योति मिर्धा को टिकट दिया है. 

ज्योति मिर्धा पिछली बार भी लोकसभा चुनाव लड़ी थी और मोदी लहर के बावजूद करीब 75 हजार वोटों से ही हार गई थी, लिहाजा इस बार कांग्रेस ने जीत के भरोसे के साथ उन्हें उम्मीदवार बनाया है.

ज्योति खंडेलवाल वैसे तो पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं, परन्तु लोस चुनाव जैसा ही जयपुर महापौर का चुनाव वे पहले लड़ कर जीत चुकी हैं. हालांकि, उनके सामने तगड़ी चुनौती इसलिए है कि बीजेपी ने पिछली बार यह लोस सीट 5 लाख से ज्यादा वोटों से जीती थी. यह बात अलग है कि ताजा विस चुनाव में इस लोस क्षेत्र की आठ में से पांच विस सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा जमा लिया है. 

पिछली बार बीजेपी ने दौसा सीट 50 हजार से भी कम वोटों के अंतर से जीती थी, इसलिए कांग्रेस, सविता मीणा की जीत को लेकर आशान्वित है.

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सियासी दल सीट खोने के डर से महिला उम्मीदवारों को अवसर नहीं देते हैं. महिलाओं को उनका हक केवल उसी स्थिति में मिल सकता है, जब कुछ सीटें केवल महिलाओं के लिए ही सुरक्षित की जाएं.

Web Title: LOK SABHA ELECTION 2019: womens will get political opportunity is just a fake show