प्रियंका गांधी के पीएम मोदी के खिलाफ बनारस से चुनाव न लड़ने के पीछे कहीं कांग्रेस की यह रणनीति तो नहीं?

By सतीश कुमार सिंह | Published: April 26, 2019 04:51 PM2019-04-26T16:51:11+5:302019-04-26T16:51:11+5:30

कांग्रेस की गढ़ रही अमेठी में राहुल गांधी चौथी बार चुनावी मैदान में है। वह अमेठी से लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। मीडिया में यह चर्चा है कि राहुल गांधी यदि दोनों जगह से चुनाव जीतते है तो अमेठी सीट छोड़ देंगे।

lok sabha election 2019 Will Priyanka Gandhi contest from seat vacated by congress president rahul gandhi in byelection | प्रियंका गांधी के पीएम मोदी के खिलाफ बनारस से चुनाव न लड़ने के पीछे कहीं कांग्रेस की यह रणनीति तो नहीं?

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी चुनाव नहीं लड़ रही हैं, राहुल गांधी अमेठी और वायनाड से चुनावी मैदान में हैं।

Highlightsकांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कहा था कि प्रियंका केवल मिशन 2019 के लिए नहीं, बल्कि मिशन 2022 के लिए आई हैं।1989 के बाद से कांग्रेस यूपी की सत्ता में कभी नहीं आई। अब तीस साल के करीब हो रहे हैं और कांग्रेस देश के सबसे बड़े राज्य में हर रोज सिमटती जा रही है।

गुरुवार को कांग्रेस ने अजय राय को वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ पार्टी प्रत्याशी घोषित कर दिया। इसी के साथ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बनारस से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की अटकलों पर भी विराम लग गया।

ऐसा नहीं है कि यह अटकलबाजी अफवाहबाजों की देन थी। ख़ुद प्रियंका ने दो मौकों पर इस तरह के संकेत दिए कि वह वाराणसी से चुनाव लड़ने के बारे में सोच सकती हैं। प्रियंका के अलावा कई मीडिया संस्थानों ने सूत्रों के हवाले से प्रियंका के काशी से चुनाव लड़ने की पुष्टि और खण्डन किया था। 

लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस कुल 423 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और गुरुवार को प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही यह संख्या पूरी हो गई और यह तय हो गया कि प्रियंका अब इस चुनाव में प्रत्याशी के तौर पर नहीं उतरेंगी। 

इस बात की पुष्टि के साथ ही प्रियंका के चुनाव न लड़ने को लेकर अटकलबाजियाँ शुरू हो गयी हैं। 

राजनीति में कुछ भी संभव है। लोकसभा चुनाव 2019 के रण में हर दल तैयार है। इस बार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा चुनाव दो जगह से लड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के अमेठी और केरल के वायनाड।

कांग्रेस की गढ़ रही अमेठी में राहुल गांधी चौथी बार चुनावी मैदान में है। वह अमेठी से लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। मीडिया में यह चर्चा है कि राहुल गांधी यदि दोनों जगह से चुनाव जीतते है तो अमेठी सीट छोड़ देंगे। यह भी कहा जा रहा है कि इस कारण कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाराणसी से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ मैदान में नहीं उतरीं।

ऐसा कहा जा रहा है कि यदि राहुल गांधी अमेठी सीट छोड़ते है तो प्रियंका गांधी अमेठी में कांग्रेस प्रत्याशी हो सकती हैं। प्रियंका गांधी भी रायबरेली और अमेठी सीट पर प्रचार के साथ रोडशो भी कर रही हैं।

बहन प्रियंका गांधी के लिए लोकसभा का रास्ता साफ करेंगे राहुल गांधी

फिलहाल वायनाड और अमेठी के कांग्रेसी कार्यकर्त्ता में ये प्रतियोगिता है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सबसे अधिक वोट से किस जगह से जीत रहे हैं। रायबरेली और अमेठी के जिलास्तर के नेताओं में ये चर्चा है कि कांग्रेस अध्यक्ष यदि अमेठी और वायनाड दोनों सीटें जीतते हैं तो वह अमेठी सीट से इस्तीफा दे सकते हैं।

इसके बाद प्रियंका गांधी यहां से उपचुनाव लड़ सकती हैं। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि इस बार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी और वायनाड दोनों जगह से जीत रहे हैं। ऐसे में राहुल गांधी अमेठी से इस्तीफा देकर बहन प्रियंका गांधी के लिए लोकसभा का रास्ता साफ करेंगे। 

2022 की जमीन और मजबूत कर रही हैं प्रियंका गांधी

अमेठी में प्रियंका गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्त्ता से कहा था कि आप को 2019 लोकसभा चुनाव के साथ-साथ 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा पर भी फोकस करना है। वह कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं से यूपी विधामसभा चुनाव की बात कर रही थीं। कांग्रेस के साथ-साथ प्रियंका को पता है कि उत्तर प्रदेश में मजबूत हुए बिना केंद्र की सत्ता नहीं मिल सकती।

इस कारण यह माना जा रहा है कि कांग्रेस के प्रियंका गांधी को चुनावी मैदान में न उतारने के पीछे सोची-समझी रणनीति है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कहा था कि प्रियंका केवल मिशन 2019 के लिए नहीं, बल्कि मिशन 2022 के लिए आई हैं। प्रियंका गांधी से कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में अगली सरकार कांग्रेस की होगी। राहुल की इन बातों का मतलब साफ है कि लोकसभा चुनाव में तो प्रियंका यूपी का नेतृत्व तो करेंगी ही, बल्कि यूपी का 2022 का होने वाला विधानसभा चुनाव भी उनकी ही अगुवाई में लड़ा जाएगा।

यही वजह है कि कांग्रेस प्रियंका गांधी को लोकसभा चुनाव लड़ाने की बजाय विधानसभा चुनाव में उतारने की तैयारी में है। 1989 के बाद से कांग्रेस यूपी की सत्ता में कभी नहीं आई। अब तीस साल के करीब हो रहे हैं और कांग्रेस देश के सबसे बड़े राज्य में हर रोज सिमटती जा रही है।

गांधी परिवार के तीसरे सदस्य जो साउथ से चुनाव लड़ रहे हैं

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी परिवार के तीसरे सदस्य हैं, जिन्होंने दक्षिण भारत का रुख किया है। उनसे पहले दादी इंदिरा गांधी और मां सोनिया गांधी ऐसा कर चुकी हैं। आपातकाल के बाद हुए 1977 के लोकसभा चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उत्तर प्रदेश के रायबरेली से हार का सामना करना पड़ा था।

इसके बाद 1978 में चिकमंगलूर से तत्कालीन कांग्रेस सांसद डीबी चंद्रगौड़ा ने इस्तीफा दिया। चिकमंगलूर उपचुनाव में इंदिरा गांधी ने जीत दर्ज की। 1980 लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी ने रायबरेली (उत्तर प्रदेश) व मेडक (आंध्र प्रदेश) से चुनाव लड़ा और दोनों जगह से जीत हासिल की।

बाद में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रायबरेली सीट छोड़ दी। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 1999 लोकसभा चुनाव में अमेठी (उत्तर प्रदेश) और बेल्लारी (कर्नाटक) से चुनाव मैदान में उतरी थीं। दोनों जगह से जीत हासिल की। बाद में वह बेल्लारी सीट छोड़ दीं।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पहली बार दक्षिण भारत के वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं। अभी तक तीन बार अमेठी से सांसद हैं। कांग्रेस सूत्र की माने तो प्रियंका गांधी का उत्तर प्रदेश यानी पूर्वी सीट से संसद में आना कांग्रेस से लिए फायदेमंद साबित होगा।


 

 

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