क्या अमेठी में राहुल गांधी को बीजेपी दे सकती है मात, स्मृति ईरानी दे पाएंगी कांग्रेस अध्यक्ष को कड़ी चुनौती?
By सतीश कुमार सिंह | Published: April 29, 2019 04:45 PM2019-04-29T16:45:40+5:302019-04-29T16:45:40+5:30
स्मृति ईरानी विकास के मुद्दे पर राहुल गांधी को घेर रही हैं। ईरानी का कहना है कि अमेठी में विकास नहीं हुआ है। स्थानीय लोगों और पत्रकारों का कहना है कि राहुल गांधी इस बार अमेठी सीट से संकट में हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 1.07 लाख वोट से जीत पाए थे। 2009 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी 3.70 लाख वोट से जीते थे।
अमेठी लोकसभा सीट पर सभी की निगाहें लगी हैं। अमेठी सीट गांधी-नेहरू परिवार का गढ़ है। 2019 में भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का मुकाबला केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से है। राहुल गांधी चौथी बार( 2004, 2009 और 2014) चुनावी मैदान में हैं।
स्मृति ईरानी विकास के मुद्दे पर राहुल गांधी को घेर रही हैं। ईरानी का कहना है कि परंपरागत सीट अमेठी में विकास नहीं हुआ है। स्थानीय लोगों और पत्रकारों का कहना है कि राहुल गांधी इस बार अमेठी सीट से संकट में हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 1.07 लाख वोट से जीत पाए थे। 2009 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी 3.70 लाख वोट से जीते थे।
2019 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी केरल के वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां वोट डाले जा चुके है। अमेठी में राहुल गांधी के लिए राहत की बात है कि सपा-बसपा गठबंधन ने इस सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारेगी। अमेठी में ऐसे कई नेता हैं और कई परिवार हैं जो कि सालों से कांग्रेस के प्रति निष्ठा जताते रहे हैं, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान ऐसे तमाम लोगों का कांग्रेस से मोहभंग हुआ और वह भारतीय जनता पार्टी में या तो शामिल हो गए या फिर उसके समर्थक हो गए।
अमेठी में जनता का मूड थोड़ा अलग ही
इस बार जनता का मूड थोड़ा उल्टा चल रहा। अमेठी के गौरीगंज क्षेत्र में भाजपा की स्मृति ईरानी खूब चर्चा में हैं तो राहुल भी अमेठी दूसरे छोर यानि की पीपरपुर, भीमी, धम्मौर और मुंशीगज क्षेत्रों में एक बार फिर जीत की ओर है, लेकिन इनकी संख्या कुछ कम है। अमेठी के लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम से हम खुश हैं।
एक युवा ने कहा कि हम मोदी से खुश है। स्थानीय दुकानदार ने कहा कि राहुल गांधी सांसद हैं। विकास तो नहीं हुआ, लेकिन वोट तो उनको ही देंगे। कुछ और लोगों ने कहा कि मोदी ने अच्छा काम किए। सर्जिकल स्ट्राइक हो, पुलवामा हो वह सभी काम मोदी ने किया है। हम लोग मोदी को वोट देंगे।
अमेठी के पास शुकुल बाजार विकास खंड के रहने वाले करीब अस्सी साल के एक बुज़ुर्ग राम नरेश संजय गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक के कार्यकाल को याद करते हैं लेकिन बेहद दुखी मन से कहते हैं कि राहुल गांधी आम जनता से उस तरह नहीं घुले-मिले हैं जैसे कि राजीव गांधी मिलते थे। लोगों ने कहा कि राहुल गांधी मुंशीगंज गेस्ट हाउस से बाहर नहीं निकलते हैं और अमेठी वालों को इस बात से काफी तकलीफ भी है। परसौली गांव के दीपक शुक्ल भी उन्हीं में से एक हैं। वह कहते हैं, "राहुल गांधी की यही स्थिति रही तो अगला चुनाव उनके हाथ से निकल भी सकता है।"
अमेठी में कभी राहुल गांधी के सहायक के तौर पर काम देखने वाले और अभी भी कांग्रेस पार्टी में ही एक पदाधिकारी नाम न बताने की शर्त पर कहते हैं कि इसमें कोई दो राय नहीं कि राहुल गांधी की वजह से अमेठी में गांधी परिवार की चमक फीकी पड़ रही है, लेकिन वह इसके लिए राहुल गांधी के कुछ सलाहकारों को दोषी ठहराते हैं जो उन्हें लोगों से मिलने ही नहीं देते हैं।
भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने अमेठी में विकास का मुद्दा बनाया
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार अंशुमान शुक्ला ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने यहां पर विकास का मुद्दा बनाया है। 2014 में चुनाव हारने के बाद भी ईरानी यहां पर लगातार कैंप कर रही हैं। ईरानी ने यहां पर 50 हजार चंपाकल (हैंडपंप) लगवाया है।
28 अप्रैल का उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें ईरानी चंपाकल से ग्रामीण को मदद कर रही हैं। गांव में आग लगने पर वह चंपाकल चला रही हैं। वह लोगों को यह आश्वासन दे रही हैं कि वह हर पल आप के सुख-दुख की साथी है। लखनऊ में ही एक पत्रकार ने नाम न छपने पर कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस बार अमेठी में फंस गए हैं, परिणाम कुछ भी हो सकता है। इस बार राहुल गांधी को कड़ी टक्कर मिल रही है।
योगी आदित्यनाथ दावा कर रहे हैं कि भाजपा अमेठी जीतेगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दावा कर रहे हैं कि भाजपा इस बार अमेठी भी जीतेगी। इसकी वजह यह भी है कि भाजपा की स्मृति ईरानी पिछला चुनाव राहुल गांधी से हारने के बावजूद अमेठी में सक्रिय रहीं। शायद यही वजह है कि भाजपा यहां मजबूत प्लेटफार्म होने का दावा कर रही है।
अमेठी के वरिष्ठ पत्रकार योगेंद्र श्रीवास्तव कहते हैं कि इसकी शुरुआत तो 2012 के विधान सभा चुनावों से ही हो चुकी थी जब तमाम कोशिशों के बावजूद कांग्रेस पार्टी सिर्फ़ दो विधान सभा सीटें जीत सकी थी और उसके बाद तो एक जीते हुए विधायक ने पार्टी छोड़ दी।
अमेठी में हर जगह राहुल पर हमला बोल रही हैं ईरानी
चुनाव प्रचार के दौरान स्मृति ईरानी ने कहा कि अमेठी के लापता सांसद (राहुल गांधी) ने जिले को बदहाली के सिवा कुछ नहीं दिया। आप लोग मुझे अपनी बहन कहते हैं। मैं हमेशा यहां के लोगों के साथ रहूंगी। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेठी को लोगों द्वारा स्नेह के बावजूद एक लापता सांसद मिल गया है।
2017 के विधानसभा चुनाव पर स्मृति ने कहा कि अमेठी के लोगों ने बीजेपी को अपना आशीर्वाद दिया। अमेठी लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की 5 में से 4 सीटें बीजेपी ने जीती। अमेठी में कमल खिल रहा है। यह सब लोगों के स्नेह और विश्वास के कारण है। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने अमेठी में हर जगह लोगों की मदद की है।
अमेठी में लोगों का वनवास अब खत्म होने जा रहा है। हम 23 मई को दिवाली मनाएंगे। नामदारों ने पिछले 55 सालों से अमेठी को केवल छला है। यहां के लोगों को बुनियादी सुविधाएं भी नही मिल सकी हैं। अमेठी परिवर्तन की ओर बढ़ चला है। अमेठी के लोग विकास चाहते हैं। इसलिए अमेठी ने मोदी और योगी पर भरोसा जताते हुए फैसला कर लिया है कि इस बार नामदारों की विदाई जरूर होगी।