मोदी सुनामी ने विपक्ष को किया तबाह, PM 25 या 30 मई को ले सकते हैं शपथ, नए वित्त मंत्री पर बढ़ी अटकलें
By हरीश गुप्ता | Published: May 24, 2019 07:44 AM2019-05-24T07:44:16+5:302019-05-24T07:44:16+5:30
एक करीबी ने 'लोकमत समाचार' को बताया कि पंचक' दिनों में वह शपथ नहीं लेंगे, इस लिहाज से 25 अथवा 30 मई का दिन शुभ दिन माना जा रहा है. अमित शाह पर अटकलें राजनीतिक क्षेत्रों में इस बात पार अटकलें लग रही हैं कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सरकार में शमिल होंगे या फिर संगठन का काम ही करते रहेंगे.
नरेंद्र मोदी सुनामी फिर से देश में आई और विपक्ष को तबाह करते हुए राजग को 17वीं लोससभा में एतिहासिक विजय दिला गई.यदि 2014 में देश में मोदी लहर थी तो नि:संदेह 2019 में यह मोदी सुनामी ही है जिसने भाजपा को अपनी सीटों में अब तक सबसे ज्यादा इजाफा करने का मौका दिया. इस परिणाम ने 22 दलों वाले उस विपक्ष को हतप्रभ कर दिया है,जो 'चौकीदार चोर है' जैसे नारों के साथ ही मोदी को उखाड़ फेकने लिए भांति भांति के उपक्रम कर रहा था.
लेकिन, मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने पूरे पांच साल सरकार और संगठन में कड़ा परिश्रम किया. प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान भी जीतोड़ मेहनत कर 142 से अधिक रैलियों को संबोधित किया और गांधी परिवार पर तीखे प्रहार करते हुए 'राष्ट्रवाद ' का उभार पैदा किया. अपनी लाभार्थी के खाते में सीधा लाभ (डीबीटी) योजना की मार्फत उन्होने 24 करोड़ लोगों के सीधे नाता बनाया.
गांव-गांव में मोदी शौचालय, मोदी आवास, मोदी गैस, मोदी रोड, मोदी किसान योजनाओं ने उन 27 राज्ज्यों में चमत्कार किया,जहां इन्हे लागू किया गया. यह इंदिरा गांधी के 'गरीबी हटाओ नारे के द्वितीय संस्करण की ही तरह था जिसके सहारे उन्होने (इंदिरा गांधी) 1971 में 351 सीटों का विशालतम जनादेश प्राप्त किया था. जल्द शुरू करेंगे दूसरी पारी सूत्रों का कहना है कि मोदी अपनी दूसरी पारी की शुरुआत अपेक्षाकृत जल्द करने के लिए शुभ दिन देख कर श्पथ ग्रहण करेंगे.
एक करीबी ने 'लोकमत समाचार' को बताया कि पंचक' दिनों में वह शपथ नहीं लेंगे, इस लिहाज से 25 अथवा 30 मई का दिन शुभ दिन माना जा रहा है. अमित शाह पर अटकलें राजनीतिक क्षेत्रों में इस बात पार अटकलें लग रही हैं कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सरकार में शमिल होंगे या फिर संगठन का काम ही करते रहेंगे.
वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा गिरते स्वास्थ्य की वजह से दूसरी पारी में मंत्रि पद के प्रति अनिच्छा जाहिर करने के बाद से अब पीएम मोदी को नए वित्त मंत्री की तलाश है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से काम का भारी बोझ संभालने में असमर्थता जता चुकी हैं. जेटली की अनुपस्थिति में मोदी को राज्यसभा में सत्ता पक्ष के नेता पद के लिए भी खोज करनी होगी.
इन सभी मसलों पर अगले दो दिनों में फैसला करना होगा. इसके लिए पार्टी के कोर ग्रुप और आर एस एस के साथ सलाह मशविरा की प्रक्रिया पहले ही प्रारंभ हो चुकी है. इन सबके बीच पियूष गोयल और धर्मेन्द्र प्रधान जैसे पार्टी के अपेक्षाकृत युवा नेताओं के खुश होने की पर्याप्त वजह भी है.