लोकसभा चुनावः बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ‘अच्छे दिन’ लाने का पीएम मोदी का वादा ‘‘फर्जी और खोखला’’ साबित हुआ
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 30, 2019 06:19 PM2019-04-30T18:19:26+5:302019-04-30T18:19:26+5:30
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पिछले पांच साल में उन्होंने लोगों के लिए क्या किया है? किसान आत्महत्या कर रहे हैं और बेरोजगारी बढ़ रही है। गैस सिलेंडर की कीमत 450 रुपये से बढ़कर 1000 रुपये हो गई है। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री को इन सब मुद्दों की कोई परवाह नहीं है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को केंद्र की राजग सरकार पर उनके राज्य की जरूरतों के प्रति उदासीन रहने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि विभिन्न परियोजनाओं की मंजूरी के लिए बार-बार आग्रह करने के बावजूद केंद्र सरकार ने उसे अनसुना कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जबरदस्त हमला करते हुए ममता ने यह भी कहा कि ‘अच्छे दिन’ लाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वादा ‘‘फर्जी और खोखला’’ साबित हुआ है । उन्होंने कहा, ‘‘पिछले पांच साल में उन्होंने लोगों के लिए क्या किया है ? किसान आत्महत्या कर रहे हैं और बेरोजगारी बढ़ रही है। गैस सिलेंडर की कीमत 450 रुपये से बढ़कर 1000 रुपये हो गई है। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री को इन सब मुद्दों की कोई परवाह नहीं है।’’
राज्य में विकास के उनके प्रयास को केंद्र सरकार द्वारा रोके जाने के आरोप को दोहराते हुए ममता ने कहा कि उनकी सरकार ने डनलप (घाटे में चल रही टायर की कंपनी) को यहां अधिगृहित करने की कोशिश की लेकिन राजग सरकार ने इस मामले में सहयोग नहीं किया।
ममता ने दावा किया, ‘‘पिछले तीन साल से मैं डनलप को खरीदने की कोशिश कर रही हूं। इसके लिए मुझे केंद्र सरकार के एक हस्ताक्षर की दरकार है। और वह भी लंबित है।’’ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने यह भी कहा कि वर्णानुक्रम में तैयार की जाने वाली सूचियों में नीचे प्रदर्शित होने से बचने के लिए वह राज्य का नाम पश्चिम बंगाल से बदल कर बांगला करना चाहती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह प्रस्ताव भी केंद्र के पास अब तक लंबित है।’’ मोदी के खिलाफ हमलावर अंदाज में ममता ने कहा, ‘‘सरकारी कंपनी बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) की हालत देखिये। लगभग 50 हजार लोगों की नौकरी जा रही है। जब मैं रेल मंत्री थी तो (वैगन बनाने वाली कंपनी)बर्न स्टैंडर्ड को मंत्रालय के अधीन लाने की पहल की थी ।’’ उन्होंने बताया, ‘‘प्रधानमंत्री हालांकि बंगाल के लोगों की जरूरतों के प्रति उदासीन हैं, लेकिन तब भी वह दावा करते हैं कि अच्छे दिन आ गए हैं ।’’