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लोकसभा चुनाव 2019: क्या सपा-बसपा गठबंधन को टक्कर दे पाएगी बीजेपी, जानिए जौनपुर संसदीय सीट का समीकरण

By धीरज पाल | Updated: March 19, 2019 07:45 IST

जौनपुर संसदीय सीट पर 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी कृष्णा प्रताप सिंह ने बसपा के प्रत्याशी सुभाष पांडे को हराया था।

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ठळक मुद्देइस सीट पर कांग्रेस 1984 के बाद एक भी बार संसदीय चुनाव में जीत दर्ज नहीं कर पाईजौनपुर लोकसभा सीट में कुल 5 विधानसभा क्षेत्र बहादुरपुर, शाहगंज, जौनपुर, मल्हाणी, मुंगरा बादशाहपुर हैं

उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर सपा-बसपा गठबंधन में हुए सीट बंटवारे में पूर्वांचल का जौनपुर संसदीय सीट बसपा के खाते में गई है। इस सीट पर सपा-बसपा गठबंधन का मुकाबला सीधा भारतीय जनता पार्टी के साथ होगा। कांग्रेस ने साल 2014 में इस सीट पर स्टार एक्टर रवि किशन को चुनाव में उतारा था। जौनपुर रवि किशन का पैतृक गांव भी है।  

जौनपुर लोकसभा सीट में कुल 5 विधानसभा क्षेत्र बहादुरपुर, शाहगंज, जौनपुर, मल्हाणी, मुंगरा बादशाहपुर है। इन 5 विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में 2 सीटों पर बीजेपी, दो सीटों पर समाजवादी पार्टी और एक सीट पर बसपा पार्टी के विधायक हैं। इस सीट पर वर्तमान में बीजेपी से सासंद कृष्ण प्रताप हैं। इन्होंने 2014 में बीएसपी के सुभाष पांडे को हराया था।

जानिए कौन कर रहा है उम्मीदवार की दावेदारी 

बीजेपी और बसपा ने इस सीट पर अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। वहीं, कांग्रेस ने भी इस सीट से किसी को टिकट नहीं दिया है। बीएसपी से पूर्व सासंद रह चुके धनजंय सिंह को इस बार सपा-बसपा गठबंधन की ओर से टिकट देने की बात चल रही है। वहीं, इस सीट से समाजवादी पार्टी के नेता व पूर्व सांसद पारसनाथ यादव कई बार चुनाव लड़ चुके हैं। पारसनाथ यादव दो बार इस सीट से सांसद भी रह चुके हैं। 

 1984 के बाद कभी नहीं जीती कांग्रेस

जौनपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस का इतिहास काफी पुराना रहा है। कांग्रेस ने यहां 6 बार जीत हासिल की थी। हालांकि दिलचस्प बात यह है कि इस सीट पर कांग्रेस ने 1984 के बाद एक भी बार संसदीय चुनाव में जीत दर्ज नहीं करा पाई। कांग्रेस ने अपना इतिहास बदलने के लिए साल 2014 में रवि किशन को मैदान में उतारा था। लेकिन मोदी लहर के सामने यह भी धाराशाही हो गए थे और बड़े अंतर के साथ हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में कांग्रेस को आम आदमी पार्टी से भी कम वोट मिले थे और वह छठे पायदान पर रही।  

2014 में जौनपुर लोकसभा सीट का रिपोर्ट कार्ड

जौनपुर संसदीय सीट पर 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी कृष्णा प्रताप सिंह ने बसपा के प्रत्याशी सुभाष पांडे को हराया था। इस साल कुल 21 प्रत्याशी मैदान में थे। कृष्णा ने 1,46,310 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। बीजेपी के कृष्णा को 3,67,149 (36.45%) वोट मिले और सुभाष को 2,20,839 (21.93%) मत मिले थे। चुनाव में सपा तीसरे और आम आदमी पार्टी पांचवें स्थान पर रही थी, जबकि कांग्रेस छठें स्थान पर थी। बीजेपी ने 2014 में 15 साल बाद यह सीट अपने नाम किया था।

जौनपुर संसदीय सीट का इतिहास

-  गोमती नदी के किनारे बसा जौनपुर ऐतिहास स्थलों में से एक है, जो अपने किले, चमेली के तेल, तंबाकू की पत्तियों, इमरती और मिठाइयों के लिए लिए प्रसिद्ध है।- यहां पांच नदियां बसुही, गोमती, पीली, साई और वरुणा हैं। -   1830 में जौनपुर आजमगढ़ से पूरी तरह से अलग कर दिया गया। -  यहां 1952 और 1957 में हुए आमचुनावों में कांग्रेस के बीरबल सिंह ने जीत दर्ज की थी- 1962 में जनसंघ के ब्रह्मजीत सिंह ने यहां की सीट पर कब्ज़ा किया था-  1989 में बीजेपी ने अपना पहली जीत दर्ज कराई थी। - 2011 के जनगणना के आधार पर जौनपुर की कुल आबादी 44 लाख से ज्यादा (4,494,204) है- इसमें महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। - जिले की साक्षरता दर भी राष्ट्रीय औसत के करीब है और यह 71.55 फीसदी है जिसमें शिक्षित पुरुषों की संख्या 83.80 फीसदी और महिलाओं की संख्या 59.81 फीसदी है। 

1952 से 2014 तक सांसस के नाम

वर्ष सांसद के नामपार्टी 
1952गणपत राम और बीरबल सिंहकांग्रेस
1957गणपत राम और बीरबल सिंहकांग्रेस
1962ब्रह्मजीतजनसंघ
1967राज देवकांग्रेस
1971राजदेव सिंहकांग्रेस 
1977यादवेंद्र दत्त दुबेभारतीय लोक दल
1980अजीजुल्ला जनता पार्टी (सेक्यूलर) 
1984कमला प्रसाद सिंहकांग्रेस 
1989 राजा यादवेंद्र दत्तभारतीय जनता पार्टी 
1991अर्जुन सिंह यादव जनता दल 
1996राज शेखरभारतीय जनता पार्टी
1998 पारस नाथ यादवसमाजवादी पार्टी
1999चिन्मयानंदभारतीय जनता पार्टी 
2004पारसनाथ यादवसमाजवादी पार्टी
2009धनंजय सिंहबहुजन समाजवादी पार्टी
2014कृष्ण प्रताप उर्फ केपीभारतीय जनता पार्टी 

(आंकड़े इलेक्शन.इन से लिया गया है) यूपी में सपा-बसपा गठबंधन के बाद बीजेपी की राहें आसान नहीं होगी। वहीं, कांग्रेस भी अपना इतिहास बचाने की पूरी कोशिश करेगी। इस सीट पर 12 मई को चुनाव होना है। इसके 23 मई को तय हो जाएगा इस सीट का असली दावेदार कौन है?

टॅग्स :लोकसभा चुनावभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)समाजवादी पार्टीबहुजन समाज पार्टी (बसपा)उत्तर प्रदेश
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