मायावती का महागठबंधन को जोरदार झटका, बोलीं- कांग्रेसी ये शर्त मानें वरना अकेले चुनाव लड़ेगी बीएसपी
By खबरीलाल जनार्दन | Updated: July 24, 2018 12:02 IST2018-07-24T12:02:49+5:302018-07-24T12:02:49+5:30
Lok Sabha Election 2019: मायावती ने लोकसभा चुनाव 2019 और आगामी तीन राज्यों के चुनाव में बीएसपी की स्थिति स्पष्ट कर दी है।

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लखनऊ, 24 जुलाईः बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने महागबंधन को एक करारा झटका देते हुए कांग्रेस नेताओं को चेताया है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर आगामी तीन राज्यों के चुनावों और लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर बीएसपी की स्थिति स्पष्ट की है। मायावती ने कहा कि वह किसी भी गठबंधन का हिस्सा तब बनेंगी, जब उनकी पार्टी को सम्मानजक भागीदारी नहीं दी जाएगी।
उन्होंने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा कि हाल के दिनों में महागठबंधन को लेकर हाल के दिनों में चर्चाएं हो रही हैं, उन्हें साफ करने की जरूरत है। खासतौर पर जो कांग्रेसी नेता यहां-वहां बीएसपी के साथ गठबंधन को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं, वह बंद करें। क्योंकि बीएसपी आगामी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ तीनों ही राज्यों में अकेले दम पर, सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर रही है। साथ ही उसे जीत का भी भरोसा है।
मायावती के अनुसार वह इन तीनों राज्यों में कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन का हिस्सा तब बनेंगी जब कांग्रेस उनकी पार्टी को सम्मानजनक भागीदारी सुनिश्चित करे। उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले मायावती ने राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के सभी प्रमुख नेताओं को दिल्ली में बुलाकार एक बैठक की थी और आगे की रणनीति पर विचार किया था।
यहां पर एक बार तथ्यों को देखने की जरूरत है। दरअसल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान तीनों ही राज्यों में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बाद तीसरी सबसे प्रभावशाली पार्टी बीएसपी ही है।
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साल 2013 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत 45.17% था और कांग्रेस का 33.07%। इसके बाद सबसे अधिक बहुजन समाज पार्टी को 3.37% वोट मिला था। यानी आम जनता की ओर से बीजेपी को प्रचंड बहुमत। लेकिन बीते साल हुए लोकसभा उपचुनावों में अलवर और अजमेर की सीटों पर आये नतीजों ने सबको चौंका कर रख दिया। जिन सीटों पर बीजेपी लाखों वोटों के अंतर से जीती थीं वहीं दोनों ही सीटें हार गई। जिसका साफ़ मतलब था कि माहौल वर्तमान सरकार के पक्ष में नहीं था और अभी भी माहौल सरकार के पक्ष में है यह अपने आप में सरकार के लिए बड़ा सवाल है।
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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में बीजेपी का वोट प्रतिशत 44.88 % था और कांग्रेस का 36.38 %। इसके बाद सबसे अधिक बहुजन समाज पार्टी को 6% वोट मिले थे। इसके अलावा तमाम छोटे दलों को बचे हुए वोट प्रतिशत में ही संतोष करना पड़ा। यानी यहाँ भी सीधी लड़ाई बीजेपी बनाम कांग्रेस।
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छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो वहाँ के हालात भी कुछ अलग नहीं हैं, साल 2013 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी का वोट प्रतिशत 41.04 था और कांग्रेस का 40.29%। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी को 4.27% व भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी को 5 फीसदी वोट मिले थे। इसका सीधा अर्थ हुआ लड़ाई एक बार बीजेपी बनाम कांग्रेस ही है। हालांकि कुछ समय पहले कांग्रेस से अलग होकर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस बनाने वाले अजीत जोगी का मानना है कि उनका दल छत्तीसगढ़ की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगा और अच्छी संख्या में सीटें जीतेगा।