तीन राज्यों में बीजेपी से अकेले लोहा लेगी कांग्रेस, सेमीफाइनल BJP को हराने की ये है बड़ी तैयारी

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 2, 2018 03:30 PM2018-07-02T15:30:31+5:302018-07-03T12:12:38+5:30

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव में कुछ महीने रह गए हैं।

Madhya Pradesh Chhattisgarh and Rajasthan Assembly election congress united opposition | तीन राज्यों में बीजेपी से अकेले लोहा लेगी कांग्रेस, सेमीफाइनल BJP को हराने की ये है बड़ी तैयारी

तीन राज्यों में बीजेपी से अकेले लोहा लेगी कांग्रेस, सेमीफाइनल BJP को हराने की ये है बड़ी तैयारी

- विभव देव शुक्ल
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव में कुछ महीने रह गए हैं और तीनों राज्यों में पार्टियों का चुनावी अभियान ज़ोरों - शोरों पर है। इन तीनों ही प्रदेशों में एक ख़ास और समान बात है, आम जनता की पसंद भारतीय जनता पार्टी या भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में से एक होती है।

अकेले राजस्थान की बात की जाए तो पिछले तीस वर्षों से कोई भी सरकार लगातार दो विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाई है। जनता हर पांच साल में सत्ता बदलती है लेकिन चुनावी लड़ाई के किरदार नहीं बदलते। वहीं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में तस्वीर थोड़ी अलग है, बीजेपी ने दोनों राज्यों में 2008 और 2013 के विधानसभा चुनाव लगातार जीते हैं पर वहाँ भी विकल्प बीजेपी या कांग्रेस ही है। केंद्र की राजनीति में कांग्रेस भले महागठबंधन की एकता को धार देने में जुटी हो लेकिन इन तीन राज्यों में चुनाव की सीधी लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच है।

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साल 2013 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत 45.17% था और कांग्रेस का 33.07%। इसके बाद सबसे अधिक बहुजन समाज पार्टी को 3.37% वोट मिला था। यानी आम जनता की ओर से बीजेपी को प्रचंड बहुमत। लेकिन बीते साल हुए लोकसभा उपचुनावों में अलवर और अजमेर की सीटों पर आये नतीजों ने सबको चौंका कर रख दिया। जिन सीटों पर बीजेपी लाखों वोटों के अंतर से जीती थीं वहीं दोनों ही सीटें हार गई। जिसका साफ़ मतलब था कि माहौल वर्तमान सरकार के पक्ष में नहीं था और अभी भी माहौल सरकार के पक्ष में है यह अपने आप में सरकार के लिए बड़ा सवाल है। 

वहीं मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में बीजेपी का वोट प्रतिशत 44.88 % था और कांग्रेस का 36.38 %। इसके बाद सबसे अधिक बहुजन समाज पार्टी को 6% वोट मिले थे। इसके अलावा तमाम छोटे दलों को बचे हुए वोट प्रतिशत में ही संतोष करना पड़ा। यानी यहाँ भी सीधी लड़ाई बीजेपी बनाम कांग्रेस।

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छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो वहाँ के हालात भी कुछ अलग नहीं हैं, साल 2013 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी का वोट प्रतिशत 41.04 था और कांग्रेस का 40.29%। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी को 4.27% व भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी को 5 फीसदी वोट मिले थे। इसका सीधा अर्थ हुआ लड़ाई एक बार बीजेपी बनाम कांग्रेस ही है। हालांकि कुछ समय पहले कांग्रेस से अलग होकर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस बनाने वाले अजीत जोगी का मानना है कि उनका दल छत्तीसगढ़ की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगा और अच्छी संख्या में सीटें जीतेगा। 

राजस्थान और मध्य प्रदेश में तो कांग्रेस के पास दो नए युवा चेहरे भी हैं, मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजस्थान में सचिन पायलट। चुनाव ने इन दोनों नए युवा चेहरों को पार्टी में अपनी भूमिका का दायरा बढ़ाने का सुनहरा अवसर दे दिया। चुनाव प्रचार और सभाओं में दोनों सही समय और जगह पर नज़र भी आ रहे हैं जो पहले तो खुद इनके लिए उसके बाद कांग्रेस संगठन के लिए अच्छे संकेत हैं। संगठन के अलावा इनका प्रचार में नज़र आना बीजेपी बनाम कांग्रेस की सीधी लड़ाई में कांग्रेस के लिए भी अच्छा है।

बेशक बीजेपी के लिए दोनों ही राज्य एक बड़ी चुनौती से कम नहीं हैं, क्योंकि विपक्ष उन मुद्दों को ही आगे करेगा जिन पर सत्ता पक्ष कमज़ोर नज़र आया। उन मुद्दों पर उचित समाधान ना होना सरकार के लिए चुनावी अभियान में समस्या का कारण बन सकता है। और तो और सरकार के लिए जनता को विश्वास दिलाना भी कठिन होगा कि जिन मुद्दों पर वह असफल रहे उन पर कैसे बेहतर तरीक़े से काम करेंगे? 

(विभव लोकमत न्यूज में इंटर्नशिप कर रहे हैं)

Web Title: Madhya Pradesh Chhattisgarh and Rajasthan Assembly election congress united opposition

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