रमजान के महीने के दौरान लोकसभा चुनाव के आखिरी तीन चरण के मतदान की तारीखों को लेकर शुरू हुए विवाद को AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पूरी तरह से गैरजरूरी बताया है। ओवैसी ने कुछ मुस्लिम नेताओं के उलट कहा कि इस महीने में मतदान की तारीख होने से वोटिंग प्रतिशत ज्यादा होगा क्योंकि मुस्लिम वोटर पर तमाम दूसरे कामों का बोझ नहीं होगा।
ओवैसी ने कहा, 'पूरा विवाद ही गैरजरूरी है। मैं राजनीतिक पार्टियों से कहना चाहूंगा कि वे कृपया जो भी कारण हों वे मुस्लिम समाज और रमजान का इस्तेमाल नहीं करे।'
ओवैसी ने साथ ही कहा, 'मुस्लिम निश्चित रूप से रमजान में उपवास पर होंगे। वे बाहर जाएंगे, ऑफिस जाएंगे और गरीब से गरीब आदमी भी उपवास करेगा। मेरा मानना है कि इस महीने (रमजान) में वोटिंग प्रतिशत बढ़ेगा क्योंकि वह दुनिया के दूसरे कामों से फ्री होगा।'
दरअसल, रमजान का महीना 5 मई से शुरू हो रहा है। इस दौरान 6 मई, 12 मई और 19 मई को भी वोट डाले जाने हैं। इसमें ज्यादातर सीटें यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल और दिल्ली की होंगी। ऐसे में कुछ लोगों ने लोकसभा चुनाव की तारीखों पर नाराजगी जताई है।
आम आदमी पार्टी के अमानतुल्लाह खान ने रमजान के दौरान वोटिंग पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया, '12 मई का दिन होगा दिल्ली में रमजान होगा मुसलमान वोट कम करेगा इसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा।' दूसरी ओर टीएमसी नेता फरहाद हकीम ने इसमें साजिश की तरफ इशारा करते हुए कहा कि बीजेपी नहीं चाहती कि अल्पसंख्यक मतदान करें। चुनाव आयोग को इसका ध्यान रखना चाहिए।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने रविवार को लोक सभा चुनाव-2019 की तारीखों का ऐलान कर दिया था। इसके तहत 543 सीटों के लिए 7 चरणों में इस बार चुनाव कराये जाएंगे। पहले चरण का चुनाव 11 अप्रैल को होना है। वहीं, वोटों की गिनती 23 मई को होगी।