शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन लोकसभा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की झारखंड रैली में की गई रेप इन इंडिया टिप्पणी को लेकर हुए हंगामे के बीच पहले दिन में 12 बजे तक और फिर अनिश्चिकाल के लिए स्थगित हो गई। इसके कुछ देर बाद ही राज्यसभा भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई।
शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर को एंटी-मैरीटाइम पाइरेसी बिल 2019 पेश करना था, लेकिन राहुल गांधी के इस बयान को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी के सदस्यों के हंगामे की वजह से ये बिल पेश नहीं हो पाया।
शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी के सांसदों ने राहुल गांधी के बयान को लेकर जमकर हंगामा किया और उनसे माफी की मांग की।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल के बयान को देश की महिलाओं का अपमान बताते हुए उन्हें सजा दिए जाने की मांग की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के बयान से सदन ही नहीं पूरा देश आहत हुआ है तो उन्हें सदन ही नहीं बल्कि पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।
शीतकालीन सत्र में पास हुए नागरिकता संशोधन बिल समेत कई विधेयक
18 नवंबर से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में कई महत्वपूर्ण बिल पास हुए, जिसमें सबसे ज्यादा चर्चा नागरिकता संशोधन बिल की रही। इस बिल को लोकसभा ने सोमवार और राज्यसभा ने बुधवार को पास किया था।
इस बिल में नागरिकता बिल 1955 में संशोधन करते हुए, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होकर 31 दिसंबर 2014 तक भारत आने वाले गैर-अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।
वहीं शीतकालीन सत्र खत्म होने के एक दिन पहले गुरुवार को संविधान (126वां) संशोधन विधेयक राज्यसभा में पास हुआ था। इस बिल में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) समुदायों के लिए आरक्षण को 10 साल, यानी 2030 तक बढ़ाने का प्रावधान है।