हालात नहीं सुधरे तो लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है : कानून मंत्री

By भाषा | Published: April 13, 2021 07:31 PM2021-04-13T19:31:19+5:302021-04-13T19:31:19+5:30

Lockdown may have to be imposed in Lucknow if the situation does not improve: Law Minister | हालात नहीं सुधरे तो लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है : कानून मंत्री

हालात नहीं सुधरे तो लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है : कानून मंत्री

लखनऊ, 13 अप्रैल उत्तर प्रदेश सरकार के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य महकमे के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर स्वास्थ्य सेवाओं की चिंताजनक हालत की ओर ध्यान आकर्षित किया और कहा कि अगर हालात में जल्दी सुधार नहीं हुआ तो कोविड-19 रोकथाम के लिए लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है।

उधर, समाजवादी पार्टी ने मंत्री के पत्र बहाने कोरोना प्रबंधन में अव्यवस्था के लिए पूरी सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

कानून मंत्री ब्रजेश पाठक का सोमवार को अपर मुख्‍य सचिव चिकित्सा व स्वास्थ्य तथा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को भेजा गया कथित पत्र मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस पत्र के भेजे जाने के बारे में जब पाठक से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा, ‘‘मैंने एक गोपनीय पत्र भेजा है।’’ लेकिन उन्होंने पत्र में क्या लिखा है इस बारे कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।

सोशल मीडिया पर वायरल पत्र में पाठक ने लिखा है कि ‘‘अगर कोविड-19 जनित परिस्थितियों को शीघ्र नियंत्रित नहीं किया गया तो हमें रोकथाम के लिए लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है।''

उन्होंने पत्र में लिखा है, ‘‘अत्यंत कष्ट के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि वर्तमान समय में लखनऊ जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। विगत एक सप्ताह से हमारे पास पूरे लखनऊ जनपद से सैकड़ों फोन आ रहे हैं, जिनको हम समुचित इलाज नहीं दे पा रहे हैं।''

पत्र में लिखा है, ''मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में फोन करने पर बहुधा फोन का उत्तर नहीं मिलता। इसकी शिकायत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री से और अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य से करने के उपरान्त फोन तो उठता है किन्तु सकारात्मक कार्य नहीं होता।'' उन्होंने आगे लिखा है कि मरीज की जांच रिपोर्ट मिलने में चार से सात दिन का समय लग रहा है, एंबुलेंस नहीं मिल रही है।

उन्होंने यह शिकायत की है, ''आज मेरे विधानसभा क्षेत्र के पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त डॉ योगेश प्रवीण की अचानक तबियत बिगड़ गई। इसकी सूचना मिलने पर मैंने स्वयं मुख्य चिकित्सा अधिकारी से फोन पर बात की और उन्हें तत्काल एंबुलेंस व चिकित्सा मुहैया कराने का अनुरोध किया, किंतु खेद का विषय है कि कई घंटों बाद भी उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली और समय से इलाज नहीं होने के कारण उनकी मृत्यु हो गयी।''

सोशल मीडिया पर कानून मंत्री का पत्र वायरल होने के बाद विपक्ष्ज्ञ सरकार पर निशाना साध रहा है। राज्‍य की मुख्‍य विपक्षी समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा, ''उत्तर प्रदेश में स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था पूरी तरह चरमरा गई है और यह बात सिर्फ हम नहीं उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री भी कह रहे हैं।’’ भदौरिया ने कहा कि अधिकारी जब कानून मंत्री का फोन नहीं उठा रहे हैं तो आम जनता की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, ''उप्र में कोरोना से जो हाहाकार मचा है उसके लिए भाजपा सरकार को जवाब देना होगा कि उसने कोरोना पर नियंत्रण पाने का झूठा ढिंढोरा क्यों पीटा।

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