लॉकडाउनः स्कूल फीस मुद्दे पर HRD मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सभी राज्यों को दिल्ली मॉडल अपनाने की दी सलाह
By एसके गुप्ता | Published: April 19, 2020 06:46 AM2020-04-19T06:46:55+5:302020-04-19T06:46:55+5:30
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखिरयाल निशंक ने कहा राज्य सरकारें स्कूलों से बात करें और उन्हें समझाएं कि संकट के इस दौर में स्कूल फीस बढ़ोत्तरी न करें और अभिभावकों से तीन महीने की फीस लेने के बजाय केवल एक महीने की ट्यूशन फीस ही लें.
नई दिल्ली। 17 अप्रैल स्कूलों की फीस वृद्धि को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखिरयाल निशंक ने राज्यों को दिल्ली मॉडल अपनाने की सलाह दी है. उन्होंने हालांकि दिल्ली का प्रत्यक्ष नाम न लेकर कहा है कि कुछ राज्य अच्छा कर रहे हैं.
ऐसे में राज्य सरकारें स्कूलों से बात करें और उन्हें समझाएं कि संकट के इस दौर में स्कूल फीस बढ़ोत्तरी न करें और अभिभावकों से तीन महीने की फीस लेने के बजाय केवल एक महीने की ट्यूशन फीस ही लें. निशंक ने जिस दिल्ली मॉडल की बात की है उसमें स्कूलों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि बढ़ाकर फीस लेने वाले, बच्चों का नाम काटने वाले या स्कूल स्टाफ का वेतन रोकने वाले स्कूल प्रबंधन के खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के अनुच्छेद 51-बी के तहत एक वर्ष की सजा या जुर्माने या दोनों का प्रावधान है.
अगर स्कूलों के नियम न मानने पर और मनमानी के कारण जान-माल की हानि होगी तो स्कूल प्रबंधन को दो वर्ष का कारावास होगा. दिल्ली के शिक्षा निदेशक बिनय भूषण ने जारी आदेश में साफ कहा है कि स्कूलों को किसी भी मद में फीस नहीं बढ़ानी है. केवल ट्यूशन फीस लेनी है. तीन महीने की फीस एकसाथ नहीं लेनी है. अगर कोई अभिभावक फीस नहीं भरता है तो नियमानुसार स्कूल खुलने के बाद 10 दिनों में फीस ली जा सकती है. किसी छात्र को ऑनलाइन क्लास से वंचित नहीं किया जाएगा और न ही छात्र का नाम काटा जाएगा. ऐसा करने पर स्कूल दंड भुगतने के लिए तैयार रहें.