राजपथ के अलावा दिल्ली में अब तक इन सड़कों के बदल चुके हैं नाम, यहां चेक करें लिस्ट
By मनाली रस्तोगी | Published: September 6, 2022 02:22 PM2022-09-06T14:22:19+5:302022-09-06T14:26:02+5:30
राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर 'कर्तव्य पथ' करने पर चर्चा करने के लिए नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने कथित तौर पर 7 सितंबर को एक विशेष बैठक बुलाई है।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर 'कर्तव्य पथ' रखा जाएगा। नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने कथित तौर पर इस पर चर्चा के लिए 7 सितंबर को एक विशेष बैठक बुलाई है। ये अपडेट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 सितंबर को इसके उद्घाटन से पहले आया है। वैसे ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब राष्ट्रीय राजधानी में सड़कों के नाम बदले गए हैं।
इस बीच एनडीएमसी के उपाध्यक्ष और दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा, "प्रस्ताव आना बाकी है लेकिन नाम बदलने पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई जा रही है। बैठक में सभी संबंधित सदस्य और अधिकारी भाग लेंगे।" अधिकांश नामकरण औपनिवेशिक मानसिकता से संबंधित प्रतीकों को खत्म करने के लिए हुए, जैसा कि पीएम मोदी ने इस साल अपने 15 अगस्त के भाषण में कहा था।
आजादी से पहले दी गई सार्वजनिक सुविधाओं के नाम ही केंद्र के नियम के अनुसार बदले जा सकते हैं।
रेस कोर्स रोड से लोक कल्याण मार्ग
लोक कल्याण मार्ग को पहले रेस कोर्स रोड के नाम से जाना जाता था। लोक कल्याण मार्ग में भारत के कुछ सबसे शक्तिशाली व्यक्ति रहते हैं। इसके निर्माण के 36 वर्षों के बाद एनडीएमसी द्वारा 21 सितंबर 2016 को नामकरण किया गया। सड़क को लोक कल्याण मार्ग कहने का निर्णय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी द्वारा दिए गए सुझावों के बीच सर्वसम्मति से लिया गया था।
औरंगजेब रोड से एपीजे अब्दुल कलाम रोड
दिल्ली में सबसे विशिष्ट पतों में से एक का नाम बदलने का निर्णय 2015 में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु के बाद आया। यह नाम भाजपा विधायक महेश गिरी के पीएम मोदी को लिखे पत्र के बाद किया गया था।
डलहौजी रोड से दारा शिकोह रोड
एनडीएमसी ने 6 फरवरी 2017 को मुगल बादशाह शाहजहां के सबसे बड़े बेटे को श्रद्धांजलि देते हुए डलहौजी रोड का नाम बदलकर दारा शिकोह रोड कर दिया। प्रस्ताव को पहली बार 2014 में एनडीएमसी परिषद द्वारा सामने रखा गया था।
तीन मूर्ति चौक से तीन मूर्ति हाइफा चौक
इजराइल के एक शहर हाइफा की लड़ाई के बाद केंद्र ने प्रतिष्ठित युद्ध स्मारक, तीन मूर्ति चौक के आसपास के चौराहे का नाम बदल दिया। इसे इजरायल के साथ दोस्ती के प्रतीकात्मक संकेत के रूप में चिह्नित किया गया था। पहले यह माना जाता था कि गोल चक्कर से निकलने वाले तीन मूर्ति मार्ग का नाम भी बदल दिया गया है। हालांकि, एनडीएमसी के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि केवल गोल चक्कर का नाम बदला गया था।