डिब्रूगढ़ (असम), 12 सितंबर स्वाद में खट्टा नींबू असम के डिब्रूगढ़ जिले के पूर्वी छोर पर स्थित दूर-दराज के एक गांव में आर्थिक सफलता का मीठा फल देने जा रहा है।
एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि डिब्रूगढ़ नगर से करीब 70 किलोमीटर दूर, चेलेंग चक को मॉडल ‘नींबू गांव’ के तौर पर विकसित किया जा रहा है ताकि स्वरोजगार और प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाया जा सके।
पहले से ही नींबू की खेती के लिए प्रसिद्ध गांव में असमिया नींबू की दो किस्मों मिलती हैं,जिन्हें स्थानीय रूप से 'गोल नेमू' और 'काजी नेमू' के नाम से जाना जाता है, जो गांव में बहुतायत में पाए जाते हैं।
जीआई (भोगौलिक संकेतक)-प्रमाणित 'काजी नेमू' को पहले ही विदेशी बाजारों में काफी सराहना मिल चुकी है। इस नींबू की किस्म को दुबई और लंदन निर्यात किया जा रहा है, साथ ही राज्य के अन्य हिस्सों के किसानों द्वारा अन्य स्थानों में भी निर्यात किया जा रहा।
अधिकारी ने बताया कि डिब्रूगढ़ जिला प्रशासन और कृषि विभाग के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के तहत करीब 570 लोगों के चेलेंग चक गांव को नींबू उगाने के लिए आदर्श गांव के रूप में विकसित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि डिब्रूगढ़ के उपायुक्त पल्लव गोपाल झा ने पिछले सप्ताह एक परियोजना का उद्घाटन किया, जिसके तहत कृषि प्रधान गांव के 125 परिवारों को नींबू की खेती और बिक्री के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
अधिकारी ने बताया कि पहले चरण में लगभग 2,200 नींबू के पौधे गांव में लगाए जाएंगे। मूल लक्ष्य नींबू के 10,000 पौधे लगाना है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।