लेह और करगिल एलएएचडीसी ने गठन के बाद से ही नहीं दिया खातों का लेखाजोखा : सीएजी
By भाषा | Published: March 27, 2021 05:13 PM2021-03-27T17:13:25+5:302021-03-27T17:13:25+5:30
जम्मू, 27 मार्च भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने कहा है कि लेह और करगिल जिलों से संबद्ध लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषदों (एलएएचडीसी) ने अपने गठन के बाद से ही खातों की लेखा-जोखा रिपोर्ट पेश नहीं की है जो “ एक गंभीर वित्तीय अनियमितता” है।
सीएजी ने कहा कि शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (कश्मीर और जम्मू), जम्मू कश्मीर राज्य आवासन बोर्ड और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण समेत जम्मू कश्मीर के आठ अन्य स्वायत्त निकायों की ऑडिट रिपोर्ट भी कई सालों से लंबित हैं।
सीएजी ने 31 मार्च 2019 को खत्म हुए वर्ष के लिये पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर के सामाजिक, सामान्य और आर्थिक (गैर पीएसयू) विषयों पर हाल में संसद में सौंपी गयी अपनी रिपोर्ट में कहा कि एलएएचडीसी लेह और एलएएचडीसी करगिल समेत 10 स्वायत्त निकायों ने अपना वार्षिक खाता उपलब्ध नहीं कराया है जबकि इनके ऑडिट की आवश्यकता है।
जम्मू कश्मीर राज्य को अगस्त 2019 में दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर व लेह में विभाजित कर दिया गया था।
सीएजी ने कहा, “एलएएचडीसी, लेह ने अपने गठन के समय (1995-96) से लेखाजोखा रिपोर्ट जमा नहीं कराई है यद्यपि परिषद को अच्छी खासी रकम जारी की गई और जो रकम खर्च नहीं हुई उसे साल के अंत में राज्य के लोक लेखा खाते में अव्यपगत कोष जमा करा दिया गया जिसकी रकम वापस नहीं होती है।”
उसने कहा कि एलएएचडीसी, करगिल की स्थिति भी ऐसी ही है जो 2004-05 में अस्तित्व में आया था।
सीएजी ने कहा कि एलएएचडीसी को वर्ष 2018-19 में 546.24 करोड़ रुपये का अनुदान मिला जबकि एलएएचडीसी करगिल को उसी वित्त वर्ष में 597.95 करोड़ की रकम मिली।
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