'बीजेपी की 'बटेंगे तो कटेंगे' वाली रणनीति महाराष्ट्र में काम नहीं करेगी': सहयोगी अजित पवार ने जताई असहमति
By रुस्तम राणा | Published: November 10, 2024 08:05 PM2024-11-10T20:05:00+5:302024-11-10T20:05:00+5:30
राकांपा नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने नारे पर अपनी असहमति जताते हुए कहा कि इस तरह की विभाजनकारी बयानबाजी राज्य के मतदाताओं को रास नहीं आएगी।
Maharashtra Elections 2024: महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 'बटेंगे तो कटेंगे' नारे के साथ अपना अभियान तेज कर दिया है, वहीं इसकी सहयोगी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने अलग रुख अपनाया है। राकांपा नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने नारे पर अपनी असहमति जताते हुए कहा कि इस तरह की विभाजनकारी बयानबाजी राज्य के मतदाताओं को रास नहीं आएगी।
उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान विकास के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। अंग्रेजी समाचार चैनल इंडिया टुडे के साथ एक साक्षात्कार में, नारे के बारे में पूछे जाने पर, पवार ने कहा, "मैं इस नारे का समर्थन नहीं करता। मैंने बार-बार कहा है कि यह महाराष्ट्र में काम नहीं करेगा; यह उत्तर प्रदेश या झारखंड जैसी जगहों पर काम कर सकता है, लेकिन यहां नहीं।"
उल्लेखनीय है कि इस नारे को सबसे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने एक भाषण में पेश किया था, जिसमें उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का जिक्र किया था। उसके बाद से, कई भाजपा और आरएसएस नेताओं ने इसका समर्थन किया है। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में वरिष्ठ नेताओं समेत भाजपा नेताओं ने अपने भाषणों में इस नारे का इस्तेमाल किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली में इसे थोड़ा संशोधित करते हुए कहा, "एक हैं तो सुरक्षित रहेंगे।"
On the "batenge, katenge" remark, Maharashtra Deputy CM Ajit Pawar (@AjitPawarSpeaks) says "I don't support it...this will not work in Maharashtra." pic.twitter.com/hCbMy31ylj
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) November 10, 2024
अजित पवार के इस रुख से गठबंधन सहयोगियों के बीच आंतरिक तनाव के बारे में सवाल उठने लगे हैं। इससे पहले, पवार ने यह खुलासा करके सभी को चौंका दिया था कि उनके चाचा और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने उन्हें और अन्य नेताओं को पार्टी छोड़ने की अनुमति दी थी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राज्य की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से प्रचार कर रही हैं। मतदाता 20 नवंबर को तय करेंगे कि कौन सा गठबंधन सत्ता में रहेगा और चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।