अफगानिस्तान को देखकर सीखें कि धार्मिक कट्टरवाद कैसे राष्ट्र को बर्बाद कर सकता है : विजयन
By भाषा | Published: August 23, 2021 06:15 PM2021-08-23T18:15:49+5:302021-08-23T18:15:49+5:30
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सोमवार को कहा कि अफगानिस्तान पूरी मानवता के लिए सीख है कि कैसे धार्मिक कट्टरवाद के नाम पर बिगड़ा हुआ साम्प्रदायिक सौहार्द देश और राष्ट्र को बर्बाद कर सकता है, इसलिए हमें जाति और धर्म से ऊपर उठकर मानवता का पालन करना चाहिए। समाज सुधारक एवं धार्मिक नेता श्री नारायण गुरू की 167वीं जयंती समारोह के वर्चुअल उद्घाटन में मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में ‘‘नस्लवाद, साम्प्रदायिकता और खून-खराबा’’ हो रहा है और भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान में हालात बहुत ज्यादा खराब हैं। उन्होंने कहा कि भारत में भी साम्प्रदायिक घृणा अपना सिर उठाने लगी है और गुरु के उन संदेशों को आत्मसात करके इन सभी का अंत किया जा सकता है, जिनमें उन्होंने कहा है कि सभी मानव समान हैं और जाति तथा धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। विजयन ने अपने भाषण में कहा, ‘‘अफगानिस्तान मानव के लिए सीख है कि कैसे धार्मिक कट्टरवाद पर आधारित साम्प्रदायिक वैमनस्य देश और राष्ट्र को बर्बाद कर सकता है।’’ उन्होंने कहा कि फलस्तीन में जो हो रहा है, रोहिंग्या शरणार्थियों का मामला और कश्मीर अलगाववादी धार्मिक कट्टरवाद का उदाहरण हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी समाजिक बुराइयों की अंतिम दवा गुरु का संदेश है जिसमें उन्होंने जाति-धर्म से ऊपर उठकर मानवता के नाम पर एकजुट होने को कहा है।’’ आज दिन में श्री नारायण गुरू की 167वीं जयंती के अवसर पर फेसबुक पर एक पोस्ट में विजयन ने लिखा, ‘‘यह समय भाईचारा और समानता को कमजोर करने वाली सांप्रदायिक, राजनीतिक और पूंजीवादी विचारधाराओं से उत्पन्न चुनौतियों से उबरने के लिए एकजुट होने का है। तभी वर्तमान संकट का समाधान हो सकता है और शांति एवं समृद्धि से भरी नयी दुनिया स्थापित हो सकती हे।’’ उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में समाज की भलाई के लिए जाति और धर्म के ऊपर मानवता को रखने के श्री नारायण गुरू के संदेशों को पहले से भी ज्यादा समझने और उनका अनुसरण करने की जरूरत है। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने अपने संदेश में कहा, ‘‘श्री नारायण गुरू की 167वीं जयंती पर मेरा उन्हें सादर प्रणाम। ऐसे विश्व गुरू के सिद्धांतों पर अडिग रहकर हम अपने विचारों, कथनों और कर्मों में शुद्धता लाएं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।