विपक्षी दलों के नेता मिले नायडू से, 12 सांसदों का निलंबन रद्द करने का आग्रह किया

By भाषा | Updated: November 30, 2021 13:10 IST2021-11-30T13:10:02+5:302021-11-30T13:10:02+5:30

Leaders of opposition parties met Naidu, urged to revoke the suspension of 12 MPs | विपक्षी दलों के नेता मिले नायडू से, 12 सांसदों का निलंबन रद्द करने का आग्रह किया

विपक्षी दलों के नेता मिले नायडू से, 12 सांसदों का निलंबन रद्द करने का आग्रह किया

नयी दिल्ली, 30 नवंबर कांग्रेस समेत 16 राजनीतिक दलों के नेताओं ने राज्यसभा के 12 विपक्षी सदस्यों को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाने के मुद्दे को लेकर मंगलवार को उच्च सदन के सभापति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की और इन सदस्यों का निलंबन रद्द करने का आग्रह किया।

इससे पहले, इन नेताओं ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में बैठक की और निलंबन रद्द किए जाने पर जोर दिया।

विपक्षी दलों के नेताओं ने सांसदों के निलंबन को असंवैधानिक करार दिया और जोर देकर कहा कि इनका निलंबन रद्द किया जाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि विपक्षी नेताओं की बैठक में तृणमूल कांग्रेस शामिल नहीं हुई, जबकि निलंबित सांसदों में उसके भी दो सांसद शामिल हैं। पिछले कुछ दिनों में कांग्रेस की अगुवाई में हुई विपक्ष की किसी भी पहल से तृणमूल कांग्रेस दूरी बनाती नजर आई है।

आज की बैठक में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, मुख्य सचेतक के. सुरेश, राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा और मुख्य सचेतक जयराम रमेश शामिल हुए। बैठक में द्रमुक के टीआर बालू, शिवसेना के विनायक राउत एवं प्रियंका चतुर्वेदी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, आम आदमी पार्टी, माकपा, भाकपा और कई अन्य दलों के नेता भी शामिल हुए।

कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों में भी इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की और सदन से वाकआउट किया।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस सरकार ने जो रास्ता अपनाया है, उसका हमने विरोध किया है। सदन का सदस्य होने के नाते यह जरूरी है कि हमें अपनी बात रखने का मौका मिले। लेकिन सरकार निलंबन के जरिये विपक्ष को डराना चाहती है, जुबान बंद करना चाहती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘राज्यसभा में जो हुआ है उसका विरोध करते हुए हमने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में सदन से वाकआउट किया। यह मामला राज्यसभा का है, लेकिन दूसरे सदन के सदस्यों के साथ जो हुआ है उसके विरोध में हमने यह कदम उठाया है।’’

कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने 12 सांसदों के निलंबन के मुद्दे को लेकर संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन किया और सरकार पर तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया।

संसद के सोमवार को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मॉनसून सत्र के दौरान ‘‘अशोभनीय आचरण’’ करने की वजह से, वर्तमान सत्र की शेष अवधि तक के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया।

उच्च सदन में उपसभापति हरिवंश की अनुमति से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कल इस सिलसिले में एक प्रस्ताव रखा, जिसे विपक्षी दलों के हंगामे के बीच सदन ने मंजूरी दे दी।

जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।

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Web Title: Leaders of opposition parties met Naidu, urged to revoke the suspension of 12 MPs

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