Lawrence Bishnoi gang: लॉरेंस विश्नोई गैंग ने 20 बार दी धमकी?, दोस्त ने पूर्णिया सांसद पप्पू यादव को बुलेटप्रूफ लैंड क्रूजर गाड़ी की गिफ्ट
By एस पी सिन्हा | Updated: November 27, 2024 16:21 IST2024-11-27T16:20:05+5:302024-11-27T16:21:12+5:30
Lawrence Bishnoi gang: हथियारों की जांच के लिए सिक्योरिटी चेकिंग मशीनें लगाई गई हैं। 19 नवंबर को पाकिस्तान के एक मोबाइल नंबर से उन्हें कॉल, मैसेज और ऑडियो के जरिए धमकियां मिलीं।

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Lawrence Bishnoi gang: लॉरेंस विश्नोई गैंग की ओर से कथित तौर पर मिली धमकी के बाद बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के एक करीबी दोस्त ने बुलेटप्रूफ लैंड क्रूजर गाड़ी गिफ्ट की है। यह गाड़ी उनके पूर्णिया स्थित अर्जुन भवन कार्यालय पहुंची, तो उसे देखने के लिए भीड़ जुट गई। बताया जाता है कि यह गाड़ी रॉकेट लॉन्चर हमलों तक को झेलने में सक्षम है। पप्पू यादव का दावा है कि जब तक वह इस गाड़ी में रहेंगे, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित रहेगी। उन्होंने कहा कि उनकी जान की सलामती को देखते हुए उनके दोस्त प्रकाश जी ने 15 दिनों के भीतर इस गाड़ी को विदेश से मंगवाया है।
पप्पू यादव को अब तक 20 बार जान से मारने की धमकी मिल चुकी है। इसके बाद उनके आवास अर्जुन भवन की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। हथियारों की जांच के लिए सिक्योरिटी चेकिंग मशीनें लगाई गई हैं। वहीं 19 नवंबर को पाकिस्तान के एक मोबाइल नंबर से उन्हें कॉल, मैसेज और ऑडियो के जरिए धमकियां मिलीं। धमकी देने वाले ने खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताया।
उर्दू में लिखे मैसेज में उन्हें रॉकेट लॉन्चर से उड़ाने की धमकी दी गई। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नेटवर्क हाल के दिनों में कई हाई-प्रोफाइल धमकियों और हमलों में शामिल रहा है। बिश्नोई गैंग द्वारा लगातार मिल रही धमकियों ने पप्पू यादव की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 22 नवंबर को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पप्पू यादव को पाकिस्तान के वाट्सएप नंबर से धमकी भरा मैसेज मिला। कॉल में धमकी देने वाले ने कहा कि गोल्डी भाई ने कहा है, इससे 5 करोड़ मांगो। नहीं देगा तो मार दो।
पप्पू यादव ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि आरएसएस प्रमुख, कंगना रनौत, भाजपा के कई मंत्रियों और विधायकों को ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा दी गई है, लेकिन मेरी सुरक्षा बढ़ाने पर सरकार मौन है। पप्पू यादव ने कहा कि सरकार को मेरी सुरक्षा से कोई मतलब नहीं है, लेकिन हमें तो मतलब है। हमें तो परहेज लेना पड़ेगा। अपना कर्म तो करना पड़ेगा। सरकार को फ्रिक नहीं है, लेकिन हमारे दोस्त को हमारी फिक्र है।