Landslides in Wayanad: त्रासदी की कहानी- किसी ने परिवार के 16 लोग खोए, किसी की तय थी शादी, जीवन रेखा कही जाने वाली चलियार नदी ही बन गई मौत का दरिया

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: August 4, 2024 15:50 IST2024-08-04T15:49:33+5:302024-08-04T15:50:36+5:30

Landslides in Wayanad: केरल के वायनाड जिले में हुए विनाशकारी भूस्खलन ने कई परिवार तबाह कर दिए। कुछ लोगों ने तो अपने सारे परिजनों को खो दिया। ऐसी ही एक महिला हैं 40 वर्षीय कलाथिंगल नौशीबा। विनाशकारी भूस्खलन में कलाथिंगल नौशीबा अपने परिवार के 16 लोगों को खो चुकी हैं।

Landslides in Wayanad woman has lost 16 family members Chaliyar river itself became a river of death | Landslides in Wayanad: त्रासदी की कहानी- किसी ने परिवार के 16 लोग खोए, किसी की तय थी शादी, जीवन रेखा कही जाने वाली चलियार नदी ही बन गई मौत का दरिया

केरल के वायनाड जिले में हुए विनाशकारी भूस्खलन ने कई परिवार तबाह कर दिए

Highlightsत्रासदी की कहानी- किसी ने परिवार के 16 लोग खोएजीवन रेखा कही जाने वाली चलियार नदी ही बन गई मौत का दरिया विनाशकारी भूस्खलन में कलाथिंगल नौशीबा अपने परिवार के 16 लोगों को खो चुकी हैं

Landslides in Wayanad: केरल के वायनाड जिले में हुए विनाशकारी भूस्खलन ने कई परिवार तबाह कर दिए। कुछ लोगों ने तो अपने सारे परिजनों को खो दिया। ऐसी ही एक महिला हैं 40 वर्षीय कलाथिंगल नौशीबा। विनाशकारी भूस्खलन में कलाथिंगल नौशीबा अपने परिवार के 16 लोगों को खो चुकी हैं। इसमें उनके पति, दो ननद और उनके दो बच्चे भी शामिल हैं। 

पिछले तीन दिनों से नौशीबा उस अस्पताल के बाहर खड़ी होकर अपनों के शवों की तलाश कर रही हैं जो इस त्रासदी की भेंट चढ़ चुके हैं। चूरलमाला और मेप्पाडी के भूस्खलन से प्रभावित गांवों से मिलने वाले शव इसी अस्पताल लाए जाते हैं। यही कारण है कि नौशीबा अस्पताल के बाहर खड़े होकर अपने लापता परिवार के सदस्यों को ढूंढने की उम्मीद में दिन-रात एक की हुई हैं।

टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार नौशीबा ने बताया है कि मैंने अपना पूरा परिवार खो दिया है। मुझे यहां खड़े होकर यह देखने के लिए इंतजार करना होगा कि क्या उनके शव यहां लाए जाएंगे। उन्होंने बताया है कि भारी बारिश के कारण उनके पिता के साथ घर में 11 परिवार के सदस्य थे। भूस्खलन के बाद पूरा घर बह गया।

केरल में हुई तबाही के बाद सामने आने वाली ये इकलौती कहानी नहीं है। वायनाड जिले में मंगलवार को भीषण भूस्खलन की घटना के बाद से लापता 200 से अधिक लोगों में शामिल बिहार निवासी रंजीत इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाली अपनी शादी से पहले कुछ पैसे कमाने के लिए यहां आए थे। अब, रंजीत की तलाश में उसके चचेरे भाई रवि कुमार यहां पहुंचे हैं। रवि कुमार ने शनिवार को एक टीवी चैनल को बताया कि उनका चचेरा भाई भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में काम कर रहे बिहार के छह लोगों में से एक था। 

बता दें कि केरल में तीन जिलों के लोगों के लिए जीवन रेखा कही जाने वाली चलियार नदी 30 जुलाई को वायनाड में हुए भूस्खलन के बाद तबाही की खौफनाक प्रतीक बन गई है। कुल 169 किलोमीटर लंबी यह नदी वायनाड, मलप्पुरम और कोझिकोड में बसे लोगों के लिए कई पीढ़ियों से जीवन का आधार रही है, लेकिन अब इसका शांत पानी दुखों का प्रतीक बन गया है, जिसमें भूस्खलन के बाद लापता हुए कई लोगों के शव मिले हैं। पश्चिमी घाट में दो प्रमुख सहायक नदियों के संगम से बनी यह नदी आपदा में जान गंवाने वाले अधिकतर लोगों के शवों को अपने साथ बहाकर ले गई। नौसेना, पुलिस, अग्निशमन एवं बचाव दल तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) सहित विभिन्न एजेंसी एवं स्थानीय निवासियों के हालिया प्रयासों से शनिवार को नदी से तीन और शव तथा शरीर के 13 अंग बरामद किए गए।

(पीटीआई इनपुट के साथ)

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