Land for job scam case: 7 अक्टूबर को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सपरिवार पेश होंगे लालू यादव
By एस पी सिन्हा | Updated: October 6, 2024 15:43 IST2024-10-06T15:42:54+5:302024-10-06T15:43:03+5:30
बता दें कि लालू यादव और तेजस्वी यादव सहित 8 आरोपियों को 7 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होना है। सबसे अहम बात है कि इस बार कोर्ट ने पहली बार तेज प्रताप यादव को तलब किया है।

Land for job scam case: 7 अक्टूबर को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सपरिवार पेश होंगे लालू यादव
पटना: लैंड फॉर जॉब मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सपरिवार सोमवार अर्थात 7 अक्टूबर को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश होना है। तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं, जबकि लालू यादव और राबड़ी देवी पटना से दिल्ली गईं। बता दें कि लालू यादव और तेजस्वी यादव सहित 8 आरोपियों को 7 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होना है। सबसे अहम बात है कि इस बार कोर्ट ने पहली बार तेज प्रताप यादव को तलब किया है।
तेजप्रताप यादव लैंड फॉर जॉब मामले में कल पहली बार कोर्ट में पेश होंगे। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि, तेज प्रताप यादव की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है। किरण देवी और तेजप्रताप यादव को भी राउज़ ऐवन्यू कोर्ट ने समन जारी किया। उल्लेखनीय है कि ईडी ने 6 अगस्त को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी।
तेजस्वी यादव व लालू यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। साथ ही कुल 11 लोगों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल हुई थी। जिनमें में से तीन आरोपी की मौत हो चुकी है। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में कहा था कि ए के इंफोसिस्टम द्वारा बिहार में राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को 2014 में बड़ी तादाद में जमीन ट्रांसफर किया गया। तेज प्रताप यादव भी लालू यादव परिवार के सदस्य है और मनी लांड्रिंग में इनकी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्रथम दृष्टया में पर्याप्त सबूत हैं। इस मामले मे बड़ी तादाद में जमीन का ट्रांसफर हुआ। कोर्ट ने कहा था कि एजेंसी की चार्जशीट के मुताबिक यादव परिवार द्वारा पद का दुरुपयोग किया गया और यादव परिवार के नाम पर जमीन का ट्रांसफर हुआ।
कोर्ट ने कहा था कि लालू प्रसाद यादव मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे और तेजस्वी यादव के खिलाफ भी मामले में पर्याप्त सबूत हैं। कोर्ट ने कहा कि किरण देवी ने मीसा भारती के नाम पर जमीन ट्रांसफर किया। जिसके बदले में किरण देवी के बेटे को नौकरी दी गई। इस मामले में किरण देवी के पति भी शामिल थे।