पटनाः चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता कैदी राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के द्वारा जेल से टेलीफोन करने के मामले में उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं.
भागलपुर जिले के पिरपैंती से भाजपा विधायक ललन पासवान ने लालू के खिलाफ आज प्राथमिकी दर्ज करा दी है. ललन पासवान ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ पटना के विजलेंस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. जांच में लालू प्रसाद यादव के और फंसने की संभावना जताई जा रही है.
उन्होंने लालू यादव पर भ्रष्ट्राचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. साथ ही फोन पर विधायक को प्रलोभन देने का भी आरोपित बताया है. भाजपा विधायक ललन पासवान ने अपनी प्राथमिकी में लालू प्रसाद यादव पर बिहार की सरकार को गिराने की साजिश रचने और प्रलोभन देने का आरोप लगाया है.
निगरानी विभाग ने मामला दर्ज करने के बाद जांच पड़ताल शुरू करने की बात कही है. लालू यादव पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मुकदमा किया गया है. प्राथमिकी में ललन पासवान ने कहा है कि मेरे पास मोबाइल नंबर 8051216302 से एक टेलीफोन आया.
आवाज आई कि मैं लालू प्रसाद यादव बोल रहा हूं
फोन उठाने पर दूसरी तरफ से आवाज आई कि मैं लालू प्रसाद यादव बोल रहा हूं. तब मुझे लगा कि शायद चुनाव जीतने के कारण वो बधाई देने के लिए फोन किए हैं, इसी लिए मैंने उनको कहा, आपको चरण स्पर्ष. उसके बाद उन्होंने (लालू) मुझे कहा कि वो मुझे आगे बढ़ाएंगे और मुझे मंत्री पद दिलवाएंगे. इसीलिये 25 नवंबर को बिहार विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में मैं अनुपस्थित होकर अपना वोट नहीं दूं.
उन्होंने यह भी बताया की इस तरह से वो कल एनडीए की बिहार में सरकार गिरा देंगे. इसपर मैंने उन्हें कहा कि मैं पार्टी का सदस्य हूं, ऐसा करना मेरे लिए गलत होगा, उसपर उन्होंने मुझे पुनः प्रलोभन दिया और कहा कि आप सदन से गैरहाजिर हो जाइए और कह दीजिये कि कोरोना हो गया है बाकि हम देख लेंगे.
यहां बता दें कि ये वही विधायक ललन पासवान हैं जिनके साथ लालू प्रसाद यादव का ऑडियो वायरल हुआ था. इस ऑडियो में लालू प्रसाद यादव ये कह रहे हैं कि विधायक ललन पासवान विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के दौरान सदन से गैरहाजिर रहें. इसके लिए वे विधायक को मंत्री बनाने का भी प्रलोभन देते सुने जा सकते हैं.
ऑडियो के वायरल होने के बाद सियासी हलके में हड़कंप मच गया
ऑडियो के वायरल होने के बाद सियासी हलके में हड़कंप मच गया है. वहीं, निगरानी विभाग के सूत्रों ने बताया कि लालू प्रसाद यादव सजायाफ्ता हैं. जेल मैनुअल के मुताबिक वे किसी सूरत में मोबाइल फोन का उपयोग नहीं कर सकते. लेकिन विधायक ने अपनी प्राथमिकी के साथ इस ऑड़ियो क्लीपिंग को भी सौंपा है, जिसमें लालू प्रसाद यादव से उनकी फोन पर बातचीत रिकार्ड है.
ऐसे में निगरानी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सबसे पहले ये जांच की जायेगी कि रिकार्डिंग में ऑडियो लालू प्रसाद यादव की है या नहीं? पटना के फोरेंसिंक लैब में इसकी जांच की सुविधा है. जब इसकी पुष्टि हो जायेगी कि आवाज लालू प्रसाद यादव की है तो फिर उस मोबाइल नंबर के कॉल रिकार्ड को खंगाला जायेगा जिससे लालू यादव ने फोन किया था.
अधिकारी ने बताया कि निगरानी विभाग ये पता लगायेगी कि उस फोन का लोकेशन क्या था? उस नंबर से किन किन लोगों को फोन किया गया? सारे कॉल रिकार्ड निकलवाये जायेंगे. आखिर उस सिम कार्ड को किसके नाम पर लिया गया था? इस सारी छानबीन में कई और चौंकाने वाले रहस्योदघाटन हो सकते हैं.
ऐसे में अब राजनीतिक गलियारे में कहा जाने लगा है कि लालू प्रसाद यादव मुसीबत में दिख रहे हैं. आज ही उन्हें रिम्स निदेशक के बंगले से वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. उधर हाईकोर्ट में लंबित उनकी जमानत याचिका पर भी इसका असर पड़ सकता है.