लालू परिवार ने मोदी और नीतीश सरकार पर किया ट्वीट वार, लालू ने कहा- जातिगत जनगणना का एक कॉलम और जोड़ने में क्या दिक्कत है?
By एस पी सिन्हा | Updated: December 29, 2019 06:05 IST2019-12-29T06:05:50+5:302019-12-29T06:05:50+5:30
लालू ने ट्वीट कर पूछा है कि क्या 5000 से अधिक जातियों वाले 60 फीसदी अनगिनत पिछडे-अतिपिछडे हिंदू नहीं है जो आप उनकी गणना नहीं चाहते? अगर पिछडों-अतिपिछडों की जातीय जनगणना नहीं होगी तो उन वर्गों के शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक उत्थान एवं कल्याण के लिए योजनाएं कैसे बनेगी?

लालू परिवार ने मोदी और नीतीश सरकार पर किया ट्वीट वार, लालू ने कहा- जातिगत जनगणना का एक कॉलम और जोड़ने में क्या दिक्कत है?
नागरिकता कानून अर्थात एनसीआर और एनपीआर को लेकर देशभर में जारी बहस और बवालों के बीच राजद प्रमुख लालू यादव इसमें कूद पडे़ हैं. उन्होंने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है और लिखा है कि एनआरसी और 2021 की भारतीय जनगणना पर लाखों करोड खर्च होंगे. सुना है एनपीआर में अनेकों अलग-अलग कॉलम जोड रहे हैं, लेकिन इसमें जातिगत जनगणना का एक कॉलम और जोडने में क्या दिक्कत है? वहीं उनकी पत्नी व बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जल जीवन हरियाली योजना को लेकर तंज कसा है.
वहीं, लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कठघरे में खडा करने की कोशिश की है. वहीं जदयू ने इस पर पलटवार किया है. लालू ने ट्वीट कर पूछा है कि क्या 5000 से अधिक जातियों वाले 60 फीसदी अनगिनत पिछडे-अतिपिछडे हिंदू नहीं है जो आप उनकी गणना नहीं चाहते? अगर पिछडों-अतिपिछडों की जातीय जनगणना नहीं होगी तो उन वर्गों के शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक उत्थान एवं कल्याण के लिए योजनाएं कैसे बनेगी? बजट का प्रावधान कैसे होगा? राजद प्रमुख ने आगे लिखा है कि आप जनगणना में कुत्ता-बिल्ली, हाथी-घोडा, सुअर-चीता सब गिनते हैं. सभी धर्मों के लोगों को गिनते है लेकिन पिछडे-अतिपिछडे हिंदुओं को नहीं गिनते? क्यों? क्योंकि पिछडे-अतिपिछडे हिंदू संख्याबल में सबसे ज्यादा है.
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है कि उन्हें डर है कि अगर पिछडे हिंदुओं की आबादी के सही आंकडे आ गए तो लोग उन आंकडों के आधार पर जागरुक होकर अपना हक़ मांगने लगेंगे. बहुसंख्यक हिंदुओं को पता लग जाएगा कि आरएसएस का नागपुरिया गैंग उन बहुसंख्यक हिंदुओं के सभी हक़-अधिकारों का हनन कर पिछडे हिंदुओं का सारा हिस्सा खा रहा है. लालू ने चेताया है कि साथियों, मुस्लिम तो बहाना है, दलित-पिछडा असल निशाना है. हमने तत्कालीन मनमोहन सरकार से 2010 में जातीय जनगणना को स्वीकृति दिलवाई थी, लेकिन उसपर हजारों करोड खर्च करने के बाद वर्तमान सरकार ने वो सारे आंकडे छुपा लिए और उन्हें कभी सार्वजनिक नहीं किया. हमारी पार्टी सडक से संसद तक यह लडाई लडती रहेगी.
उधर, लालू के ट्वीट के साथ ही उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी ने बिहार की नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए ट्वीट कर लिखा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ढोल नगाडा भोंपू लेकर “जल जीवन हरियाली” नामक 24,500 करोड की राजनीतिक यात्रा पर है. 15 वर्षों से पटना मे जलजमाव, चमकी बुखार, गरीबी, बाढ, पलायन और बेरोजगारी का निदान नहीं ढूंढने वाले मुख्यमंत्री गरीब राज्य मे इतनी महंगी यात्रा के नाम पर चुनावी साल में भ्रष्टाचारिक प्रदूषण फैला रहे हैं.
वहीं, तेजस्वी यादव ने बिहार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खडा करते हुए ट्वीट किया है कि, नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार पुलिस मुसलमानों को आतंकित कर रही है और सार्वजनिक संपत्तियों के साथ बर्बरता कर रही है. आप अजादी चाहते हैं? रुको, हम आपको अजादी देंगे!
पुलिस निवासियों को बता रही है. इसबीच, लालू परिवार की ओर से केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर एक साथ किये गये तबातोड हमले पर जदयू भी बिना वक्त गंवाए पलटवार किया है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है कि लालू परिवार चाहे जो अनाप शनाप बोले, जितना चाहे हमारी सरकार पर मनगढंत आरोप लगाए, पर प्रदेश और देश की जनता सब जानती है.
जनता के स्नेह और समर्थन से ही नीतीश कुमार लगातार प्रदेश की सेवा करते आ रहे हैं और आगे भी करेंगे. जदयू प्रवक्ता ने ये भी कहा कि कि दरअसल लालू परिवार इन दिनों मानसिक दिवालियान से गुजर रहा है, इसलिए कुछ का कुछ बोल रहा है. लोग घबराएं नहीं राज्य की जनता सही समय पर इन लोगों का सही इलाज कर देगी.