LaL Bahadur Shashtri Jayanti: सादगी, साहस और समर्पण की मिसाल थे शास्त्री जी, जानिए उनके जीवन के बारे में

By आकाश चौरसिया | Published: October 2, 2023 10:34 AM2023-10-02T10:34:36+5:302023-10-02T10:39:35+5:30

देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती देशभर में मनाई जा रही है। ऐसे में उन्हें देश श्रद्धासुमन अर्पित करता है और सभी नेता नई दिल्ली के विजय घाट उन्हें नमन करने जाते हैं।

LaL Bahadur Shastri was an example of simplicity courage and dedication know about his life | LaL Bahadur Shashtri Jayanti: सादगी, साहस और समर्पण की मिसाल थे शास्त्री जी, जानिए उनके जीवन के बारे में

फाइल फोटो

Highlightsदेश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती 2 अक्टूबर को मनाई जा रही हैलाल बहादुर शास्त्री ने जीवन में राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ भाव से सेवा कीशास्त्री जी स्वतंत्रा सेनानी भी रहे

 नई दिल्ली: 2 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती देशभर में मनाई जा रही है। वह देश के दूसरे प्रधानमंत्री भी रहे हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था।


लाल बहादुर शास्त्री ने जीवन में राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ भाव से सेवा की। शास्त्री जी स्वतंत्रा सेनानी भी रहे और इस दौरान बापू के सहयोगी के रूप में काम किया। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और ब्रिटिश शासन के दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ा।


देश को मिली स्वतंत्रता के बाद उन्होंने जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व वाली सरकार में विभिन्न मंत्री पदों पर काम भी किया। लाल बहादुर शास्त्री 1964 से लेकर 1966 तक देश के पीएम रहे। उनकी मृत्यु ताशकंद में साल 1966 में हुई।


लाल बहादुर शास्त्री ने विदेश मंत्रालय और रेलवे मंत्रालय का भी जिम्मा संभाला। उनके कार्यकाल में ही ताशकंद समझौता हुआ जो भारत और पाकिस्तान के बीच तकरार को कम करने में कामयाब रहा। उनकी इस कूटनीतिक सफलता को वैश्विक रूप से सम्मान मिला।


उन्होंने किसानों और सैनिकों के देश के प्रति समर्पण के लिए 'जय जवान जय किसान' का नारा दिया। इस नारे से उन्होंने एक बड़े किसान वर्ग को आवाज दी और दूसरे देश की सुरक्षा में तैनात सैनिकों का भी मनोबल बढ़ाने का काम किया।


लाल बहादुर  शास्त्री का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता शरद प्रसाद श्रीवास्तव एक शिक्षक थे और उनकी मां रामदुलारीदेवी गृहणी थी। अकादमिक शिक्षा के दौरान ही उन्हें 'शास्त्री' के नाम से पुकारा जाने लगा। 2 अक्टूबर इस खास अवसर पर लोग नई दिल्ली के विजय घाट जाकर शास्त्री जी को श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं। बता दें कि 2 अक्टूबर को ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154 वीं जयंती भी है।


लाल बहादुर शास्त्री के द्वारा बोली गई कुछ अहम बातें-


* अनुशासन और एकजुटता ही राष्ट्र की असल ताकत है।


* देश को सुरक्षित रखना सिर्फ सैनिकों का काम नहीं है इसके लिए देश को सजग रहते हुए कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहना होगा।


* विज्ञान में मौलिक अनुसंधान जाहिर सी बात होता ही है। लेकिन, अगर अनुसंधान हर क्षेत्र में हो तो नई तकनीक और नए सुधारों में भी काफी जरुरी हो जाता है।


* हम शांति और शांतिपूर्ण तरीके से विकास में विश्वास रखते हैं, लेकिन यह सिर्फ हमारे लिए ही नहीं पूरे विश्व के लिए है।


* हम उतने ही साहस और शांति से लड़ेंगे जैसे हम अपने गुस्से से लड़ते हैं।

Web Title: LaL Bahadur Shastri was an example of simplicity courage and dedication know about his life

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