लखीमपुर-खीरी हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया, सीजेआई की पीठ आज करेगी सुनवाई

By विशाल कुमार | Updated: October 7, 2021 07:40 IST2021-10-07T07:38:28+5:302021-10-07T07:40:06+5:30

मंगलवार को उत्तर प्रदेश के दो वकीलों शिव कुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा ने सीजेआई को पत्र लिखकर घटना की अदालत की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की. पत्र ने अदालत से इसे एक जनहित याचिका के रूप में मानने और जांच का आदेश देने का आग्रह किया ताकि दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जा सके.

lakhimpur kheri violence farmers protests supreme court cji | लखीमपुर-खीरी हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया, सीजेआई की पीठ आज करेगी सुनवाई

फाइल फोटो.

Highlightsशीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई वाद सूची के अनुसार प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ मामले में बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगी.मंगलवार को उत्तर प्रदेश के दो वकीलों शिव कुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा ने सीजेआई को पत्र लिखकर घटना की अदालत की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की थी.बीते 4 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने किसान महापंचायत की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए लखीमपुर खीरी की घटनाओं का उल्लेख करते हुए जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि जब ऐसी घटनाएं होती हैं तो कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेता है.

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई घटना का स्वत: संज्ञान लिया है. अदालत ने इस मामले पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करने का फैसला किया जिसमें किसानों के प्रदर्शन के दौरान केंद्रीय मंत्री के बेटे की गाड़ी से कुचले जाने से चार किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे.

शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई वाद सूची के अनुसार प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ मामले में बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगी.

मंगलवार को उत्तर प्रदेश के दो वकीलों शिव कुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा ने सीजेआई को पत्र लिखकर घटना की अदालत की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की थी. पत्र ने अदालत से इसे एक जनहित याचिका (पीआईएल) के रूप में मानने और जांच का आदेश देने का आग्रह किया ताकि दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जा सके.

बीते 4 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने किसान महापंचायत की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए लखीमपुर खीरी की घटनाओं का उल्लेख करते हुए जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि जब ऐसी घटनाएं होती हैं तो कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेता है.

बता दें कि, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के लखीमपुर दौरे से पहले किसानों के प्रदर्शन के दौरान तीन अक्टूबर को भड़की हिंसा में आठ लोग मारे गए थे. आरोप है कि घटना में एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया जो तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. 

बाद में गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को पीट-पीटकर मार डाला जबकि हिंसा के दौरान एक स्थानीय पत्रकार की भी जान चली गई.

इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और अन्य के खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। हालांकि, अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.

घटना के बाद से उत्तर प्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ है और विपक्षी दलों ने राज्य की भाजपा सरकार पर दोषियों को बचाने का आरोप लगाया है.

कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा ने लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजन से बुधवार को मुलाकात की और उन्हें हरसंभव मदद देने का वादा किया. 

इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी शामिल थे.

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