दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल ने भारतीय शास्त्रीय संगीत के बनारस घराने के मशहूर तबलावादक लच्छू महाराज की जयंती पर गूगल डूडल बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। लच्छू महाराज को भारत से सबसे महान तबलावादकों में शुमार किया जाता है। लच्छू महाराज का जन्म 16 अक्टूबर 1944 को वासुदेव नारायण सिंह के घर हुआ था। उनका असली नाम लक्ष्मी नारायण सिंह था।
लच्छू महाराज का परिवार संगीत से कई पीढ़ियों से जुड़ा हुआ था। महाराज ने संगीत की तालीम अपने पिता वासुदेव सिंह से ली थी। महाराज ने कम उम्र से ही पेशेवर तौर पर तबला बजाना शुरू कर दिया था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लच्छू महाराज जब आठ साल के थे तब उनके तबला वादन को देखकर तब के मशहूर तबलावादक अहमद जान थिरकवाला बेहद प्रभावि हुए थे।
लच्छू महाराज एकल तबलावादन के अलावा अन्य मशहूर संगीतकारों के साथ संगत के लिए भी मशहूर थे। उन्होंने अपने समय के ज्यादातर बड़े संगीतकारों के साथ संगत की थी।
मशूहर शास्त्रीय गायिका गिरिजा देवी ने शास्त्रीय संगीत के प्रति महाराज की लगन को बताते हुए कहा था, "वो घंटों बगैर किसी दोहराव के तबला बजा सकते थे। वो नए गत, टुकड़ा और परन से घंटों तक श्रोताओं को मंत्रमुग्ध रख सकते थे।"
लच्छू महाराज का निधन और गोविंदा से उनका रिश्ता
लच्छू महाराज का निधन 28 जुलाई 2016 को बनारस स्थित उनके पैतृक आवास पर हुआ था। 29 जुलाई 2016 को काशी के प्रसिद्ध मणिकर्णिका घाट पर उनका दाह संस्कार हुआ।
लच्छू महाराज ने फ्रांसीसी महिला टीना से विवाह किया था। दोनों की एक बेटी (नारायणी) है।
अभिनेता गोविंदा लच्छू महाराज के भांजे हैं। गोविंदा की माँ निर्मला लच्छू महाराज की बहन हैं।
भारत सरकार ने लच्छू महाराज को पद्मश्री देने की पेशकश की थी तो उन्होंने इसे ठुकरा दिया था।
लच्छू महाराज पर गूगल डूडल बनाने वाले आर्टिस्ट
तबलावादक लच्छू महाराज की जयंती पर गूगल डूडल साजिद शेख ने बनाया है। लच्छू महाराज का गूगल डूडल लोगो (Logo) के मूल रंगों लाल, पीला, हरा और नीला में रेखांकन करके बनाया गया है।